नई दिल्ली। सेना ने स्पष्ट किया है कि राजस्थान के जैसलमेर जिले स्थित पोखरण फायरिंग रेंज में मंगलवार को स्क्रैप ठेकेदार के पास से मिले कारतूस और तोप के गोले जीवित नहीं बल्कि सिर्फ उनके खोल हैं। इससे पहले रिपोर्टों में कहा गया था कि पोखरण रेंज में बोफोर्स तोप के गोलों सहित कई तरह के जिंदा गोले मिले हैं।
सेना ने कहा है कि पोखरण फायरिंग में स्क्रैप डीलर के पास विभिन्न तरह के गोलों के खोल मिले हैं जो निष्क्रिय किये हुए लगते हैं। उसका कहना है कि इनमें से एक भी गोला बारूद और विस्फोट सामग्री से नहीं भरा है। वहां की तस्वीरों से लगता है कि इन गोलों से बारूद और फ्यूज निकाल लिए गए हैं।
उसका यह भी कहना है कि इन गोलों को खाली करना एक बेहद जटिल प्रक्रिया है और यह काम अधिकृत संयंत्र में ही किया जा सकता है। सेना ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन इस बात का पता लगा रहा है कि स्क्रैप डीलर ने इन्हें अनाधिकृत तरीके से खाली तो नहीं किया है। सुरक्षा के मद्देनजर इस तरह का काम नियमित तौर पर किया जाता है।
इसी बीच स्थानीय लाठी पुलिस थानाधिकारी राजू राम ने बताया कि सेना की ओर से फायरिंग रेंज में तोप के जिंदा गोले मिलने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि ये तोप के गोले सेना का स्क्रैप खरीदने वाले ठेकेदार हीरा राम से मिले। ठेकेदार इन गोलों को फायरिंग रेंज में ही नष्ट करने वाला था लेकिन सेना की खुफिया विंग ने इसमें जिंदा बम को देखकर इसे नष्ट करने की कार्रवाई रूकवा दी।
उन्होंने बताया कि सेना की ओर से अभी यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि स्क्रैप ठेकेदार गोला बारूद खरीदने का अधिकृत था या नहीं। सूत्रों के अनुसार स्क्रेप ठेकेदार के पास से इतनी बडी मात्रा में जिंदा बम मिलना बडी चूक मानी जा रही है। सेना ने फायरिंग रेंज को सील कर क्षेत्र में आवाजाही पर रोक लगा दी है।