मुंबई। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने कम से कम तीन टीवी चैनलों के टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स) आंकडों में हेरफेर करने के एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने के मुंबई पुलिस के गुरूवार के दावे पर पलटवार करते कहा कि चैनल ने महाराष्ट्र में इससे पहले जो मामले उठाए हैं, उसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने चैनल को निशाने पर लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा करने की धमकी देते हुए गोस्वामी ने पुलिस प्रमुख पर रिपब्लिक टीवी के खिलाफ ‘झूठे आरोप’ लगाने की बात कही क्योंकि चैनल ने सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच में उनसे सवाल किए थे।
गोस्वामी ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में सिंह की जांच पर संदेह है और इस तरह का बयान एक हताशा भरा कदम हैं क्योंकि पालघर मामले, सुशांत सिंह राजपूत केस या अन्य मामलों को रिपब्लिक टीवी ने काफी जोर शोर से उठाया था। लेकिन इस तरह के कदमों से चैनल पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इस तरह का लक्षित प्रयास चैनल के हर कर्मचारी के संकल्प को ही मजबूत करेगा। चैनल सच्चाई के लिए और भी कुछ करने से पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने कहा कि सिंह आज पूरी तरह से उजागर हो गए हैं क्योंकि ब्राडकास्ट आडियंस रिसर्च कौंसिल (बीएआरसी) ने एक भी शिकायत में रिपब्लिक टीवी का उल्लेख नहीं किया है। उन्हें इस मामले में एक आधिकारिक रूप से माफनामा जारी करना चाहिए और अदालत में हमसे सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए।
तीन टीवी चैनलों के टीआरपी डेटा में फजीबाड़ा, दो लोग अरेस्ट
मुंबई पुलिस ने कम से कम तीन टीवी चैनलों टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) डेटा में हेरफेर करने के फर्जीवाड़े का गुरुवार को भंडाफोड़ किया और इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीआरपी के कथित फर्जीबाड़े में शामिल टेलीविजन चैनलों में रिपब्लिक टीवी, फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा शामिल हैं। अपराध शाखा की ओर से हाल में दर्ज शिकायत के बाद इन चैनलों के खिलाफ यह कार्रवाई की गयी है।
सिंह ने कहा कि कथित फजीबाड़े शामिल तीन चैनलों के मालिकों पर फिक्सिंग डेटा से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही दो चैनल मालिकों को गिरफ्तार किया गया है तथा पुलिस शीघ्र ही रिपब्लिक टीवी के मालिकों/ निदेशकों से पूछताछ करेगी। उन्होंने चेतावनीभरे लहजे में कहा कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि एक शिकायत के आधार पर हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जुड़े एक व्यक्ति को मलाड से गिरफ्तार किया गया। यह कंपनी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल से संबंद्ध हैं।
एक अन्य गिरफ्तार व्यक्ति पर गोपनीय डेटा का दुरुपयोग करने का आरोप है, जिसे विभिन्न टीवी चैनलों ने उसे गलत फायदे के लिए सौंपा था और इसकी वजह से विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
कांदीवली पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें नौ अक्टूबर तक रिमांड पर ले लिया गया। उन्होंने बताया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त मिलिंद भराम्बे की अगुवाई में उपायुक्त नंद कुमार ठाकुर और अकबर पठान तथा एसीटी शशांक संदभोर एवं सचिव वाजे की उच्चस्तरीय टीम संबंधित मामले की जांच कर रही है।