बेगूसराय। सुप्रीमकोर्ट की सख्त हिदायत के बाद आर्म्स एेक्ट के आरोप में लम्बे समय से फरार चल रही बिहार के चेरिया बरियारपुर से सत्तारूढ जनता दल यूनाइटेड की विधायक मंजू वर्मा के खिलाफ आज गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया।
बेगूसराय की एक अदालत ने मंजू वर्मा के खिलाफ वारंट जारी किया है। वहीं, पुलिस सूत्रों ने बताया कि वारंट मिलने के साथ ही वर्मा की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन कर दिया गया है। टीम को वर्मा की गिरफ्तारी का स्पष्ट निर्देश दिए जाने के साथ ही हर संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
मुजफ्फरपुर बालिका आवास गृह यौन शोषण मामले में मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का नाम आने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस वर्ष 17 अगस्त को उनके चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के अर्जुन टोला स्थित निजी आवास से छापेमारी कर 50 कारतूस बरामद किए थे। उनके खिलाफ संबंधित थाने में आर्म्स ऐक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इसके बाद मंजू वर्मा और वर्मा ने बेगूसराय की एक सत्र अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन, इस पर सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीवान अब्दुल अजीज खान ने 25 अगस्त को उनकी याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही उनके वकील द्वारा पति-पत्नी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज कर दी थी। अर्जी खारिज किये जाने के बाद मंजू वर्मा भूमिगत हो गईं हैं।
वहीं, इस वर्ष 9 अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट ने भी इस मामले में मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस मामले में आत्मसमर्पण नहीं करने के कारण बेगूसराय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 11 अक्टूबर को वर्मा के खिलाफ इश्तेहार जारी करने का आदेश दिया था। इसके मद्देनजर पुलिस ने 12 अक्टूबर को उनके अर्जुन टोला स्थित मकान पर इश्तेहार चस्पा किया था।
आर्म्स ऐक्ट मामले में गिरफ्तारी के लिए पुलिस की लगातार जारी छापेमारी के मद्देनजर श्री वर्मा ने 29 अक्टूबर को बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में आत्मसम्पर्ण कर दिया। मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुर्ष्कम को लेकर हुए विवाद के कारण मंजू वर्मा ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
उल्लेखनीय है कि मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने पर उच्चतम न्यायालय ने कल बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा था कि अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी मंजू वर्मा को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। अदालत ने 31 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की जांच कर रही सीबीआई के अधिकारियों को सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।