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art subjects se bhee shanadar kariar sambhav || Art subjects करिअर संभव
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Art subjects से भी शानदार करिअर संभव

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Art subjects से भी शानदार करिअर संभव
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SABGURU NEWS | नयी दिल्ली कला और वाणिज्य विषयों को भविष्य निर्माण की दृष्टि से महत्वहीन नहीं समझें। इनसे भी शानदार करिअर संभव है।

अभी ज्यादा वक्त नहीं गुज़रा है जब करिअर बनाने के लिए विज्ञान विषयों को ही एकमात्र विकल्प के तौर पर देखा जाता था। उस दौर में डॉक्टरी और इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वालों को ही सामाजिक प्रतिष्ठा भी हासिल होती थी। ऐसे कॉलेज भी उस समय ज्यादा नहीं हुआ करते थे । इंजीनियरिंग की बात करें तो देश में मौजूद लगभग 3200 इंजीनियरिंग कॉलेजों से हर साल लगभग 12 लाख नए इंजीनियर बाहर निकल रहे हैं। जॉब्स के अभाव में बमुश्किल एक लाख इंजीनियरों को ही रोज़गार मिल मिल पा रहा है। शेष को बेरोजगारी अथवा किसी अन्य तरह की जॉब्स से संतोष करना पड़ रहा है।

इसी बीच में कंप्यूटर और मैनेजमेंट की डिग्रियों के पीछे भी अंधी दौड़ शुरू हो गयी। अब तो इन डिग्रीधारकों के लिए भी रोजगार के लाले पड़े पड़े हुए हैं। ऐसे में कला और वाणिज्य विषयों को भविष्य निर्माण की दृष्टि से महत्वहीन समझने की भ्रान्ति को समय रहते निकाल देना चाहिए। इन विषयों के जरिये भी अच्छा करिअर बनाया जा सकता है।

कला विषयों या मानविकी (ह्युमिनिटीज )विषयों के अंतर्गत हिंदी, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषाओं के अतिरिक्त इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान,समाज विज्ञान आदि कितने ही विषय शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक का अपना विशिष्ट महत्त्व है। इस बात को मोटे तौर पर समझ लेना चाहिए कि ज्ञान के लिए अगर पढ़ाई की जा रही है तो मेहनत बेकार जाने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन सिर्फ डिग्री पाने भर के लिए पढ़ाई की जा रही है तो सफल होना तो दूर जॉब पाना भी आसान नहीं होगा।

हिंदी/अंग्रेजी/विदेशी भाषाएँ;-स्कूल एवं कॉलेज स्तर के अध्यापन के अलावा पत्रकारिता, संपादन, अनुवादक, दुभाषिया (इन्टरप्रेटर) जैसे न जाने कितने क्षेत्र हैं जिनमें ऐसे एकेडेमिक पृष्ठभूमि के लोगों के लिए रोज़गार के अवसर संभव हो सकते हैं। सरकारी और गैर सरकारी,दोनों ही क्षेत्रों में करिअर निर्माण किया जा सकता है।

इतिहास;-ऐतिहासिक तथ्यों एवं अनुसन्धान कार्यकलापों से सम्बद्ध होने के अलावा अध्यापन करने का विकल्प इस क्षेत्र में हमेशा ही है। भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद् इसी क्षेत्र में कार्यरत शीर्ष संस्था है और यहाँ पर ऐसे शोधकर्ताओं को कई तरह की फेलोशिप भी प्रदान की जाती हैं। बाद में पुरातत्व विज्ञान से जुडी संस्थाओं (आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ़ इण्डिया आदि ) में भी जॉब्स की तलाश की जा सकती है।

भूगोल;-ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम या जी पी एस के प्रचलन में आने के बाद इस विषय के जानकारों की मांग में काफी बढ़ी है। ऐसे उपकरण बनाने वाली कम्पनियों के अतिरिक्त मानचित्र तैयार करने एवं इनके प्रकाशन कार्यों से जुडी संस्थाओं में भी रोज़गार की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। खनिज उत्खनन और मौसम विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं में भी ऐसे लोगों के लिए रोज़गार के अवसर हो सकते हैं।

मनोविज्ञान;-आधुनिक समय में विश्व भर में मानव जीवन में बढ़ते तनावों और मानवीय संबंधों की बढ़ती जटिलताओं ने मनोवैज्ञानिकों की मांग में बेतहाशा वृद्धि की है। जॉब्स की चयन प्रक्रिया से लेकर अपराध विज्ञान (क्रिमिनोलोजी) तक के क्षेत्र में ऐसे विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाती हैं। अब तो स्कूलों,औद्योगिक प्रतिष्ठानों और नामी कम्पनियों तक में ऐसे काउंसलर बड़ी संख्या में रखे जाने लगे हैं।

समाज विज्ञान/सोशल वर्क ;- सोशल वर्क और समाज कल्याण के कार्यों को भी करिअर के विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है। देश-विदेश में कार्यरत तमाम गैर सरकारी संगठन (एन जी ओ) ऐसे विषयों की शैक्षिक पृठभूमि वाले युवाओं को विभिन्न स्थितियों के लिए उनकी उपयुक्तता के अनुसार नियुक्त करते हैं। सरकारी समाज कल्याण विभागों में भी इस तरह के अनुभवी लोगों के लिए कई तरह के रोज़गार के अवसर उपलब्ध हैं।

अर्थशास्त्र;-अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन/पोस्ट ग्रेजुएशन करने वालों के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, शेयर कारोबारियों, बीमा कंपनियों आदि में जॉब्स के तमाम तरह के अवसर मिलते हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के नीति निर्माण और उनके कार्यान्वयन से सम्बंधित कार्यों में भी ऐसे विशेषज्ञाें की सेवाएँ महत्वपूर्ण होती हैं।

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लॉ;- बारहवीं के बाद अब तो सीधे पांच वर्षीय इंटिग्रेटेड लॉ के कोर्स में एडमिशन लेकर वकील के तौर पर स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस कर अथवा कॉर्पोरेट वकील के तौर पर करिअर बनाया जा सकता है। विभिन्न राज्यों की न्यायिक सेवाओं की चयन परिक्षा में सफल होकर पब्लिक प्रौसिक्यूटर या मजिस्ट्रेट बनने के भी अवसर हो सकते हैं।

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मानविकी विषयों की पढाई करने वाले युवाओं के लिए उपरोक्त अवसरों के साथ ही चयन परीक्षाओं के माध्यम से भी भविष्य संवारने के भरपूर अवसर उपलब्ध हैं। संघ लोक सेवा आयोग,कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे चयन मंडल, बैंकिंग चयन मंडल सहित रक्षा सेवाओं की चयन परीक्षाओं में सफल होकर सम्मानित पदों पर काम किया जा सकता है।

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