नई दिल्ली। एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में सोमवार को विपक्ष जबदस्त हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से संबंधित संविधान अनुच्छेद 370 (3) को हटाने को लेकर संकल्प और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश कर दिया। कश्मीर को अलग राज्य तथा लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने को प्रस्ताव पेश किया गया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति एम वैंकेया नायडु ने कहा कि ग़ृह मंत्री जम्मू कश्मीर आरक्षण (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019 को पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को लेकर विपक्ष के नेता गुलात नबी आजाद सहित कई विपक्षी सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री द्वारा पेश संकल्प तथा विधेयक एक साथ चर्चा करायी जायेगी और इस दौरान नोटिस देने वाले सदस्य अपनी बात रख सकते हैं।
कश्मीर के मुद्दे पर लोकसभा में जबरदस्त हंगामा
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने कश्मीर के मुद्दे पर सोमवार को सदन में जबरदस्त हंगामा किया और इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बयान देने की मांग की।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीच में आकर हंगामा करने लगे। विपक्षी दलों ने नारेबाजी करते हुए मोदी से बयान देने की मांग की। हंगामे के दौरान सदस्य ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘दादागिरी नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाते रहे।
अध्यक्ष ओम बिड़ला के सदस्यों को शांत रहने और अपने स्थान पर बैठने की अपील करने के बावजूद विपक्षी दलों की ओर से हंगामा जारी रहा।
कश्मीर पर बोले चिदंबरम,‘मैंने पहले ही आगाह किया था’
पूर्व केेंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की नजरबंदी की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने राज्य में कोई अनुचित कदम उठाए जाने के प्रति पहले ही आगाह किया था।
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि मैंने जम्मू-कश्मीर में कोई अनुचित कदम उठाए जाने के प्रति पहले ही आगाह किया था। ऐसा लगता है कि सरकार बड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज का दिन बीतने से पहले हमें पता चल जाएगा कि क्या जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा संकट आने वाला है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं की नजरबंदी इस बात का संकेत है कि सरकार अपना मकसद पूरा करने के लिए सभी लोकतांत्रिक नियमों और सिद्धांतों का उल्लंघन करेगी। उन्होंने कहा कि मैं नजरबंदी की निंदा करता हूं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। सरकार ने वहां 25 हजार से अधिक अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है। गत शुक्रवार से अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गयी है तथा राज्य में गए पर्यटकों को वापस लौटने को कहा गया है।
लोगों को घरों से न निकलने को कहा गया है। कश्मीर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी हैं। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिये गये हैं। देर रात को कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं को घरों से नहीं निकलने को कहा गया।
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