नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 हटने के बाद विपक्ष के नेताओं में हलचल मची हुई है। अनुच्छेद 370 ख़त्म होने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट कर जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अपने ट्वीट कहा था कि कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। प्रधानमंत्री को शांति और निष्पक्षता के साथ मामले को देखना चाहिए। ऐसे में राहुल गांधी और विपक्ष के 11 नेताओं ने आज जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाने का फैसला किया। लेकिन प्रशासन ने आने से मना कर दिया है।
दरअसल, जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि ‘मैं राहुल गांधी जी को कश्मीर आने का निमंत्रण देता हूं। मैं उनके लिए एयरक्राफ्ट का भी इंतजाम करूंगा ताकि वह यहां आकर जमीनी हकीकत देख सकें।’ इसके बाद राहुल ने भी ट्वीट करके आने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया था कि ‘मलिक जी, मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आने के आपके न्योते को स्वीकार करता हूं। हमें एयरक्राफ्ट की जरूरत नहीं है बस वहां के नेताओं और जवानों से मिलने दिया जाए।’
वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर को लेकर स्थानीय प्रशासन ने ट्वीट किया है कि हम लोगों को आतंकियों से बचाने में लगे हैं। नेताओं के दौरे से लोगों को असुविधा होगी। इस वक्त शांति बनाए रखना प्राथमिकता है। शांति बहाली के प्रयासों में नेता बाधा न डालें। ऐसे मौके पर विपक्षी दल सहयोग करे, वे कश्मीर न आएं।