नयी दिल्ली राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 150 वीं जयंती समारोह के समापन पर दो अक्टूबर को देश के कलाकार और साहित्यकार अपनी सृजनात्मक श्रद्धांजलि देंगे और राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को रेखांकित करेंगे।
ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकेडमी और साहित्य अकेडमी बुधवार को कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। ललित कला अकेडमी देश के सौ से अधिक कलाकारों की 150 कलाकृतियों की प्रदर्शनी आयोजित कर रही है जिसका उद्घाटन दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल करेंगे। इसमें पद्म भूषण से सम्मानित प्रख्यात मूर्ति कार के गाँधी पर बनाये गये 4 मूर्ति शिल्प शामिल किये गए हैं। 94 वर्षीय रामसुतार ने अब तक गांधी जी पर 350 मूर्तियाँ बनाई हैं जो देश विदेश में लगाई गयी हैं। उन्होंने गत दिनों सरदार पटेल की सबसे ऊँची प्रतिमा का भी निर्माण किया था।
ललित कला अकदमी के अध्यक्ष डॉ उत्तम पाचारने ने पत्रकारों को बताया कि इस प्रदर्शनी का आयोजन सर जे जे स्कूल ओफ आर्ट, मुम्बई और प्रोग्रेस्सिव आर्ट गैलरी की मदद से किया जा रहा है और इसका संयोजन कला आलोचक उमा नायर ने किया है। इसमें मूर्ति शिल्प के अलावा पेंटिंग ड्राइंग प्रिंट सिरेमिक कला के अलावा दुर्लभ फोटो भी हैं।
उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर को इस प्रदर्शनी के साथ साथ एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है जिसमे करीब सौ कलाकार भाग लेंगे और वे अवशिष्ट प्रबन्धन का इस्तेमाल भी कला में करेंगे तथा गांधी जी के मूल्यों और आदर्शों को जीवन में उतरने के लिए यह प्रदर्शनी लोगों को प्रेरित करेगी। प्रदर्शनी में अपर्णा कौर की चरखा परेश मैती का स्वदेशी सुदीप रे का बापू के अलावा खादी और पेपर से बनाई गयी ओरिगेमी इंस्टालेशन तथा खादी पर चित्रित साबरमती का संत एवं भूपेन खोखर और राम रहमान तथा पर्तिव शाह के फोटो भी शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि अकेडमी ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के मौके पर इंडिया गेट पर गांधी की स्टील की प्रतिमा लगाने और अन्य कई प्रस्ताव संस्कृति मंत्रालय को दिए थे लेकिन अभी तक इन्हें मंजूरी नहीं दी गयी है। इस बीच संगीत नाटक अकेडमी ने दो से चार अक्टूबर तक तीन दिवसीय लोक संगीत एवं नृत्य एवं भजन का कार्यक्रम आयोजित किया है जिसमे दिल्ली, अहमदाबाद, हिसार, गुवाहाटी, सीवान, इम्फाल, उड़ीसा, कर्नाटक और हमीरपुर के कलाकार भाग लेंगे।
साहित्य अकेडमी ने भी दो अक्टूबर को गांधी एवं पर्यावरण विषय पर दिन भर की संगोष्ठी आयोजित की है।
गौरतलब है कि सरकार ने दो अक्टूबर से प्लस्टिक का इस्तेमाल न करने का आन्दोलन शुरू किया है।