नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेतृत्व पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें यह देखकर हैरानी हुई कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल को लेकर लोकसभा में जो कुछ कहा वह साबित करता है कि उन्हें इन विमानों की कोई समझ नहीं है।
लोकसभा में नियम 193 के तहत राफेल विमान सौदे पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए जेटली ने बुधवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया और कहा कि इस बारे में जो आरोप कांग्रेस नेता ने सदन में लगाए हैं, वे असत्य हैं। उन्हें उम्मीद थी कि जब कांग्रेस राफेल सौदे पर सदन में चर्चा की मांग कर रही है तो शायद कुछ नई बात कांग्रेस नेता कहेंगे लेकिन उन्हें निराशा हुई है कि कांग्रेस अध्यक्ष को यह समझ ही नहीं है कि राफेल विमान हैँ क्या।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि कांग्रेस के एक परिवार के पास सिर्फ भ्रष्टाचार करने की समझ है। पैसे कैसे बनाने हैं, इस गणित में उनकाे महारथ हासिल है। उन्होंने नेशनल हेराल्ड का मामला उठाया और कहा कि यह एक ट्रस्ट था लेकिन इस परिवार ने इस ट्रस्ट को अपनी संपत्ति मान लिया और परिवार के लोग आज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर हैं।
जेटली ने कहा कि इस परिवार पर तीन-तीन बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। बोफोर्स में भ्रष्टाचार किया, अगस्ता में भ्रष्टाचार किया और नेशनल हेराल्ड में भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने कहा कि एक बार भ्रष्टाचार किया हो तो उसे संदेह कहकर छोड़ दिया जा सकता है, क्योंकि गलती एक बार हो सकती है। दूसरी बार संयोग हो सकता है लेकिन अगर तीसरी बार गलत हुआ है तो निश्चित रूप से यह षडयंत्र है और कांग्रेस का यह परिवार भ्रष्टाचार की इस साजिश में हमेशा शामिल रहा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जब टेप रिकॉर्ड चलाने के मुद्दे पर विशेषाधिकार का मामला उठाया तो अध्यक्ष ने सख्त होते हुए कहा कि कुछ भी रिकार्ड में नहीं जाएगा। अन्नाद्रमुक सदस्यों के हंगामे के कारण गांधी ने दूसरी सीट से बोलने की अनुमति मांगी और वहां से जब उन्होंने रिकॉर्ड के अंश पढ़ने का प्रयास किया तो अध्यक्ष ने उनका माइक बंद कर दिया।
एक उद्योगपति पर राफेल सौदे का लाभ लेने का आरोप लगाते हुए गांधी ने जब उद्योगपति का नाम लिया तो अध्यक्ष ने इस पर भी कड़ा एतराज जताया जिसको लेकर कांग्रेस सदस्य हंगामा करने लगे। अन्नाद्रमुक, सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थिगित कर दी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो अन्नाद्रमुक सदस्य फिर सदन के बीचों बीच आ गए। हंगामे के बीच गांधी ने अपना भाषण जारी रखते हुए सवाल किया कि 500 करोड़ रुपए के विमान को 1600 करोड़ रुपए में क्यों खरीदा गया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से मोदी ने कल अपना डेढ़ घंटे का एक साक्षात्कार दिया लेकिन इस सौदे को लेकर कुछ नहीं बोला जबकि पूरा देश इस बारे में उनसे असलियत सुनना चाहता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि 126 की जगह 36 विमानों की खरीद को किसने और क्यों मंजूरी दी। उन्हें इस सवाल का भी जवाब देना चाहिए कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल से यह सौदा हटाकर एक निजी और अनुभवहीन कंपनी को क्यों दिया गया। उनका कहना था एचएएल ने कई महत्वपूर्ण विमान बनाए हैं और उसके योगदान को देश समझता है लेकिन मोदी सरकार ने उसके महत्व को नजरअंदाज क्यों किया है।
गांधी ने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के सदस्यों पर हमला किया और कहा कि हंगामा करके वे प्रधानमंत्री को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक भाजपा की सेवा में लगी हुुई है इसलिए राफेल जैसे मुद्दे पर चर्चा के दौरान वे हंगामा कर रहे हैं।