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Arun Jaitley calls in Lok Sabha on Banks strengthen merger banking sector - बैंकों के विलय से बैंकिंग क्षेत्र को मिली मजबूती: अरुण जेटली - Sabguru News
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बैंकों के विलय से बैंकिंग क्षेत्र को मिली मजबूती: अरुण जेटली

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बैंकों के विलय से बैंकिंग क्षेत्र को मिली मजबूती: अरुण जेटली
Arun Jaitley calls in Lok Sabha on Banks strengthen merger banking sector
Arun Jaitley calls in Lok Sabha on Banks strengthen merger banking sector
Arun Jaitley calls in Lok Sabha on Banks strengthen merger banking sector

नयी दिल्ली । सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय का उसका प्रयोग सफल रहा है और आश्वासन दिया कि इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसके कारण किसी भी पक्ष को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंक हैं और इनमें से 11 बैंक ऋण देने की स्थिति में नहीं हैं। इस स्थिति के कारण ये बैंक प्रतिस्पर्धा में खड़े नहीं हो पा रहे हैं और अपनी स्थिति में सुधार के लिए किसी तरह के कदम उठाना उनके लिए संभव नहीं थे इसलिए कमजोर बैंकों का मजबूत बैंकों में विलय का निर्णय लिया गया।

इस संबंध में उन्होंने हाल में बैंक ऑफ बड़ोदा के साथ दो अन्य बैंकों के विलय का उदाहरण दिया और कहा कि इनमें एक बैंक की स्थिति बहुत कमजोर हो गयी थी। उसका विलय दो मजबूत बैंकों के साथ किया गया है और विलय के बाद बैंक ऑफ बडोदा देश का दूसरा प्रमुख बैंक बन जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि विलय की प्रक्रिया में किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी और ना ही किसी कर्मचारी के जोन को बदला जाएगा।

वित्त मंत्री बैंकों की गैर निष्पादित राशि बढने की वजह बताते हुए कहा कि 2008 से 2014 के बीच दी गयी ऋण की बहुत बड़ी राशि छिपाई गई थी। इसके कारण बैंकों में एनपीए ढाई लाख करोड रुपए से बढ़कर साढे आठ लाख कराेड़ रुपए पहुंचा है। विरासत में जो स्थिति मिली थी उसके कारण बैंकों की सेहत बहुत खराब हुई लेकिन धीरे धीरे उसमें सुधार की प्रक्रिया शुरू की गयी आज बैंकिंग क्षेत्र में सुधार देखने को मिल रहा है।

जेटली ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में पैसा वापस आना चाहिए इसके लिए भी सरकार ने जरूरी उपाय किए हैं और उससे बैंकिंग प्रणाली में पैसे की वसूली तेज हुई है। हर तीसरे महीने इस दिशा में समीक्षा की जा रही है और उसमें पाया गया है कि वसूली की स्थिति में सुधार हुआ है।

एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में निगरानी प्रक्रिया को भी मजबूत बनाया गया है और इसके लिए भारत सरकार ने जो कदम उठाए हैं उसकी पूरी दुनिया में सरहाना हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले एक ही व्यक्ति को इस तरह के निर्णय लेने पड़ते थे लेकिन उनकी सरकार ने इसमें बदलाव किया है और छह लोगों की एक समिति बनायी है। समिति में तीन लोग रिजर्व बैंक से होते हैं और तीन विशेषज्ञ बाहर से होते हैं। समिति की सिफारिश के आधार पर अब बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने केलिए कदम उठाए जा रहे हैं।

रिवर्ज बैंक के पास मौजूद सुरक्षित राशि के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह राशि विपरीत स्थिति से निपटने के लिए होती है और इस समय बैंक के पास यह राशि अतिरिक्त है। आरबीआई के पास कितनी राशि सुरक्षित होनी चाहिए इसके लिए समय समय पर समितियां बनायी जाताी है। उन्होंने कहा कि यह राशि कितनी हो इसकी 1997, 2005 और 2013 में समीक्षा की गयी। उनकी सरकार ने भी अब रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान के नेतृत्व में एक समिति गठित की है और उसके आधार पर तय किया जाएगा कि यह राशि कितनी होनी चाहिए।