नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि करोड़ों रुपए के बैंक घोटाले के आरोपी विजय माल्या की विदेश जाने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच लंबी बातचीत हुई थी और अब उनकी मुलाकात के ‘सबूत’ के मद्देनजर जेटली को इस्तीफा दे देना चाहिए।
गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में विशेष संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि जेटली और माल्या के बीच कोई न कोई ‘डील’ हुई थी। जेटली का यह कहना पूरी तरह ‘झूठ’ है कि माल्या के साथ उनकी मुलाकात संसद के गलियारे में चलते-चलते कुछ पल के लिए हुई थी। उन्होंने दावा किया कि वास्तव में दोनों के बीच लंबी बैठक हुई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद पीएल पुनिया जेटली और माल्या के बीच हुई मुलाकात के प्रत्यक्षदर्शी हैं।
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद पुनिया ने दावा किया कि जेटली और माल्या की मुलाकात संसद के केन्द्रीय कक्ष में एक मार्च 2016 को हुई थी। पहले दोनों कक्ष में एक किनारे कुछ मिनट बात करते रहे और उसके बाद उनके बीच करीब 15-20 मिनट तक बैठकर बातचीत हुई। पुनिया ने कहा कि केन्द्रीय कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और फुटेज से इस मुलाकात की पुष्टि की जा सकती है
पुनिया ने कहा कि तीन मार्च को जब अखबारों में यह खबर छपी कि माल्या देश छोड़कर चला गया है तो उसके बाद उन्होंने विभिन्न अवसरों पर मीडिया में यह बात कही थी कि विदेश भागने से पहले उसकी वित्त मंत्री से मुलाकात हुई थी।
जेटली ने इतने दिनों तक मुलाकात की बात को छिपाए रखा। उन्होंने कहा कि मुलाकात के सबूत सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से मिल जाएंगे और चुनौती दी कि यदि उनकी बात गलत साबित होगी तो वह राजनीति छोड़ देंगे अन्यथा जेटली को राजनीति छोड़नी होगी।
उन्होंने कहा कि हमारा सीधा-सीधा आरोप है कि माल्या वित्त मंत्री से सलाह-मशविरा करके और अनुमति लेकर ही विदेश गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि माल्या और जेटली के बीच क्या डील हुई, वित्त मंत्री को यह बताना चाहिए और पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर यह भी मान लिया जाए कि माल्या ने कुछ ही पल के लिए वित्त मंत्री से मुलाकात की थी तो जेटली ने प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय जांच ब्यूरो और पुलिस को यह जानकारी क्यों नहीं दी कि माल्या लंदन जाने वाला है जबकि उसने उन्हें विदेश जाने के बारे मेें बताया था। उन्होंने सवाल किया कि माल्या के खिलाफ लुकआउट नोटिस को किसने हल्का कराया।
गांधी ने जेटली पर मुलाकात के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि यह काम उन्होंने ‘ऊपर के आदेश’ से किया या खुद किया। उन्होंने कहा कि जेटली सोशल मीडिया में लंबे-लंबे ‘ब्लाग’ लिखते हैं और बयान देते हैं लेकिन कहीं और कभी उन्होंने इस मुलाकात का जिक्र नहीं किया। संसद में भी इस बारे में कुछ नहीं कहा।