नयी दिल्ली । पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर कायराना हमले के बाद भारत ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान से सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा वापस लेने का निर्णय लिया है, साथ ही भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर हर संभव कदम उठाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास पर हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में ये निर्णय लिए गये। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैठक में पुलवामा में हुई घटना के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस कायराना हमले को अंजाम देने वाले और उनका समर्थन करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी तथा सुरक्षा बलों इसके लिए निर्देश दे दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए जम्मू कश्मीर जा रहे हैं और शनिवार को लौटने के बाद वह राजधानी में सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी राजनीतिक दलों को इस घटना की जानकारी तथा स्थिति अवगत करायेंगे।
जेटली ने कहा कि भारत ने 1986 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के संबंध में एक समझौते का प्रस्ताव रखा था लेकिन आतंकवाद शब्द की परिभाषा को लेकर सहमति नहीं बन पाने के चलते इससे संबंधित प्रस्ताव 33 वर्षों में भी पारित नहीं हो सका था। अब भारत इसे पारित कराने के लिए दोबारा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को राजी करने के लिए सभी कूटनीतिक कदम उठाएगा।
उन्होंने कहा कि बैठक में यह बात सामने आयी कि इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत मिले हैं। इसे देखते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने के निर्णय लिए गये हैं। पहले कदम के तहत केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय पाकिस्तान से सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करेगा। विदेश मंत्रालय भी पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए सभी बड़े देशों के साथ बात करेगा और इसके लिए हर संभव कूटनीतिक कदम उठायेगा।
जेटली ने बताया कि बैठक में गुरुवार को हुए हमले में बलिदान देने वाले शहीदों की शहादत को नमन किया गया और समूचे राष्ट्र की ओर से उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की गयी। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ से कहा गया है कि शहीदों के पार्थिव शरीरों को उनके पैतृक स्थानों तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्था की जाए। श्री जेटली के साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी थीं।
बैठक में इन दोनों के अलावा मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और सीआरपीएफ के महानिदेशक आर. आर. भटनागर ने भी हिस्सा लिया। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी स्कोर्पियो गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले की एक बस से टकरा दी जिससे हुए विस्फोट में 40 से अधिक जवान शहीद हो गये और इतने ही घायल हो गये।