नयी दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कर्नाटक में आयकर विभाग के छापे पर विपक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुये शनिवार को उस पर आरोप लगाया कि वह एक ओर संघीय व्यवस्था की बात करती है और दूसरी ओर उसे बर्बाद करने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही।
जेटली ने एक ब्लॉग में लिखा कि कर्नाटक में आयकर विभाग ने जिसके घर पर छापा मारा था वह एक राज्य मंत्री का ‘भतीजा’ था। उन्होंने लिखा “संघीय व्यवस्था सिर्फ राज्यों का अधिकार नहीं है। भारतीय संघवाद भारत को ‘राज्यों के संघ’ के रूप में परिभाषित करता है। केंद्र का अधिकार भी उतना ही महत्वपूर्ण है।”
वित्त मंत्री ने लिखा कि 28 मार्च को बेंगलुरु में जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस के नेता, मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और राज्य के मंत्री आयकर विभाग के दफ्तर के बाहर यह कहते हुये प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुये कि मंत्रियों के यहाँ तलाशी ली जा रही है। लेकिन, उन्होंने जो सबूत दिये उससे अधिक से अधिक यह पता चला कि एक मंत्री के भतीजे के यहाँ तलाशी ली गयी है।
उन्होंने लिखा कि यह तलाशी किसी राजनेता या राजनीतिक कार्यकर्ता के यहाँ भी नहीं थी। यह सिर्फ राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के ठेकेदारों और अभियंताओं के खिलाफ थी। कांग्रेस और जनता दल (एस) की अस्वाभाविक प्रतिक्रिया से संदेह की सूई उठती है। जेटली ने लिखा “इस प्रतिक्रिया से संदेह होता है कि प्रदर्शन करने वाले तलाशी के “विषय वस्तु” को लेकर चिंतित थे। कहीं ऐसा तो नहीं कि पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों को पैसा देता है जो इंजीनियरों के माध्यम से उनके ‘प्रिंसिपलों’ तक पहुँचता है जो उस दिन प्रदर्शन कर रहे थे।”
भाजपा नेता ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता, आतंकवाद से मुकाबला, सीमाओं की सुरक्षा, सीमा शुल्क के चेकप्वाइंट, आयकर का क्रियान्वयन आदि केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है। यदि राज्य इसमें अड़ंगा डालते हैं तो वे संघीय नियमों के उल्लंघन के दोषी हैं। पश्चिम बंगाल में राज्य के मंत्री और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी के बैग की जाँच करने से सीमा शुल्क अधिकारियों को पुलिस द्वारा रोके जाने के बारे में जेटली ने लिखा “क्या कोई राज्य अपनी पुलिस को सीमा शुल्क के क्षेत्र में भेज सकता है तथा उन्हें यह निर्देश दे सकता है कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। यह संघीय व्यवस्था के लिए खतरा होगा।”