नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आज कहा कि उद्योगों का ढाई लाख करोड़ रुपए का बैंक ऋण माफ करने के उनके बयान से बैंकिंग के बारे में उनकी अज्ञानता झलकती है।
जेटली ने फेसबुक पर एक लेख में लिखा कि वंशवादी पार्टियों में पद उत्तराधिकार में मिलते हैं। दुर्भाग्यवश समझ उत्तराधिकार में नहीं मिलती। यह अध्ययन से प्राप्त किया जाता है। जेटली ने “क्या कांग्रेस आदर्शहीन बन रही है? क्या सिर्फ मोदी-विरोध ही उसका आदर्श रह गया है?” शीर्षक लेख में लिखा कि राहुल गांधी को ऐसा क्यों लगता है कि ढाई लाख करोड़ रुपए के बैंक ऋण माफ कर दिए गए हैं।
क्या इस कारण कि वह यह नहीं समझ पा रहे कि जब उधार लेने वाला ऋण नहीं चुकाता तो 90 दिन बाद बैंकों की उससे जुड़ी परिसंपत्ति गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बन जाती है। रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस ऋण की वसूली की संभावना कम हो जाती है। बैंक को इसके लिए प्रावधान करना पड़ता है। यह ऋण माफ करना नहीं होता।
उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय दल के अध्यक्ष के लिए बैंकों के कामकाज की यह बुनियादी बात भी नहीं समझ सकना उनकी पूरी पार्टी और देश के लिए भी चिंता का विषय है।
जेटली ने कोका-कोला पर उनके बयान पर भी गांधी को कटाक्ष करते हुए लिखा है कि ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ के लेखक का परनाती अपनी गलतियों से एक दिन देश को अपनी महान कृति ‘द रीडिस्कवरी ऑफ कोका कोला’ देगा।