नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए और यदि आम आदमी पार्टी का कोई आदमी दोषी पाया जाता है तो उसे दुगनी सजा मिले।
केजरीवाल ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दस-दस लाख रुपए का अनुदान देने, घायलों को किसी भी निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज का पूरा खर्च सरकार के वहन करने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपए तुरंत और नौ लाख रुपए की राशि दस्तावेज प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी जाएगी। घायलों को भी दो-दो लाख रुपए की मदद की जाएगी। संवाददाता सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वासथ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपंग होने पर तीन लाख रुपए, घर पूरी तरह जल जाने के मामले में पांच लाख और दुकान जलने पर भी पांच लाख रुपए का आर्थिक अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा मामूली रुप से घायल को 20 हजार रुपए दिए जाएंगे। जानवर के मरने के मामले में पांच हजार रुपए, रिक्शा के नुकसान पर 25 हजार और ई रिक्शा के नुकसान पर 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की ‘फरिश्ते’ योजना के तहत हिंसा में घायल किसी भी व्यक्ति का कहीं भी निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज किया जाएगा।
करावल नगर के चांद बाग में आप पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन की दंगों में संलिप्तता के आरोपों पर केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाए उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले। यदि आप पार्टी का कोई कार्यकर्ता दोषी पाया जाता है तो उसे दुगनी सजा मिलनी चाहिए।
दंगों पर चिंता व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने हरसंभव कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दंगों से किसी का फायदा नहीं होने वाला इससे सबका नुकसान है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दंगों से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए दिल्ली सरकार ने राहत की योजना बनाई है और इसके लिए आप सभी के साथ और विश्वास की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बुधवार से हिंसा नियंत्रण में है और स्थिति का जायजा लेने के लिए वह प्रभावित क्षेत्रों में गए थे।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़के दंगों में 35 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इसमें दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल रतन लाल और इंटेलिजेंस ब्यूरो का जवान अंकित शर्मा भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार हिंसा और आगजनी के दौरान जिनके दस्तावेज जल गए हैं उनकी सुविधा के लिए विशेष परिसर स्थापित करेगी। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में स्वयं सेवी संगठनों, विधायकों और स्थानीय नेताओं की मदद से रोजमर्रा का सामान पहुंचाया जाने का इंतजाम किया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए 12 एसडीएम को तैनात किया गया है। रात्रि के लिए चार मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।