नई दिल्ली। दिल्ली में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के बीच जुबानी जंग जोरों से शुरु हो गई है।
केजरीवाल ने बुधवार को किरायेदारों के लिए प्री पेड बिजली मीटर सुविधा शुरु करने की जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली में एनआरसी लागू किए जाने के बाद तिवारी को भी यहां से जाना होगा।
मुख्यमंत्री के इस बयान पर तिवारी ने कहा केजरीवाल देश के लोगों को दिल्ली का नहीं मानते हैं। उन्होंने सवाल किया कि दिल्ली में रहने वाले दूसरे राज्यों के लोगों को राजधानी छोड़ देनी चाहिए? केजरीवाल के बयान को पूर्वांचल से जोड़ते हुए तिवारी ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री यह कहना चाहते हैं कि पूर्वांचल के लोग घुसपैठिए हैं?
दिल्ली में रहने वाले अन्य राज्यों के लोगों को मुख्यमंत्री विदेशी मानते हैं? मुझे लगता है कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी को यह बात भी नहीं पता है कि एनआरसी क्या है?
दिल्ली में अगले वर्ष के शुरू में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा 1998 के बाद से यहां सत्ता से बाहर है। एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में करीब 40 लाख लोग पूर्वांचल से जुड़े हुए हैं और तिवारी भी पूर्वांचल से ही आते हैं। माना जा रहा है कि तिवारी ने केजरीवाल के बयान को चुनाव को ध्यान में रखकर पूर्वांचल से जोड़ा है।
तिवारी वैसे कई मौकों पर असम की तरह दिल्ली में भी एनआसी लागू करने की वकालत और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर इसका आग्रह भी कर चुके हैं।
उधर, एनआरसी को लेकर केजरीवाल और तिवारी की जुबानी जंग में आम आदमी पार्टी नेता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज भी ट्विटर के जरिये शामिल हुए। उन्होंने लिखा कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा और बिहार से लोग दिल्ली रोजगार के लिए आते हैं, दिल्ली के विकास में वे बराबर के भागीदारी हैं। वे चोर नहीं हैं। अगर दिल्ली में एनआरसी लागू होगा तो इन सबको दिल्ली छोड़कर जाना होगा। आप इनके खिलाफ क्यों हैं?
एनआरसी विवाद में मुख्यमंत्री के पूर्व निकटस्थ सहयोगी कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि वह गलतफहमी के शिकार व्यक्ति की तरह बातें करते हैं। मिश्रा ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर केजरीवाल ऐसे आरोप लगाते हैं ताकि वह अपना वोट बैंक जो बांग्लादेशी और रोहिंग्या के रुप में है, बचा सकें।