नई दिल्ली। दिल्ली में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के अधिकारों को लेकर सुप्रीमकोर्ट के गुरुवार को दिए निर्णय से सकते में आई आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और राजधानी की जनता के प्रति अन्याय करार दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारों को लेकर शीर्ष अदालत के फैसले को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और राजधानवासियों के साथ अन्याय करार दिया है। उन्होंने फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनी हुई सरकार को अधिकारियों के तबादले का कोई अधिकार नहीं है ऐसे में सरकार कैसे चलेगी?
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का अधिकार उपराज्यपाल के पास रहने पर सवाल खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 साल से एसीबी दिल्ली सरकार के पास थी अब नहीं है, अगर कोई भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से करेगा तो उस पर कार्रवाई कैसे होगी?
केजरीवाल ने फैसले के बाद आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस पार्टी के पास विधानसभा में 70 में से 67 सीटें हों वह अधिकारियों का तबादला नहीं कर सकती, किन्तु ऐसी पार्टी जिसके पास मात्र तीन सीटें हैं वह यह काम कर सकती है। यह कैसा लोकतंत्र और आदेश है?
उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि इस फैसले की समीक्षा के लिए कानूनी राय ली जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक फाइल को पास कराने के लिए यदि हमें उपराज्यपाल के पास जाना होगा, तो सरकार काम कैसे करेगी?