नयी दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की खिंचाई करते हुए सोमवार को पार्टी से पूछा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके कुछ मंत्रियों को उप राज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरने पर बैठने के लिए किसने अधिकृत किया है।
न्यायमूर्ति ए के चावला और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि आम तौर पर हड़ताल किसी प्रतिष्ठान या कार्यालय के बाहर होती है अंदर नहीं। पीठ ने कहा,“ हड़ताल और धरने (केजरीवाल का धरना) के लिए किसने अधिकृत किया। आप उप राज्यपाल के कार्यालय के अंदर धरने पर बैठे हैं। अगर यह हड़ताल है तो यह कार्यालय के बाहर होना चाहिए।”
उच्च न्यायालय ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ को इस मामले में पार्टी बनाया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी इस मामले से जुड़ी दो याचिकाओं की सुनवाई के दौरान की। एक याचिका श्री केजरीवाल के उप राज्यपाल के कार्यालय में धरने के विरोध में दायर की गयी है और दूसरी याचिका दिल्ली सरकार के मातहत काम करने वाले वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की कथित हड़ताल के विरोध में दाखिल की गयी है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्दर गुप्ता ने भी केजरीवाल के धरने के विरुद्ध एक पृथक याचिका दाखिल की है। केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ मंत्री राजनिवास में 11 जून से धरने पर बैठे हैं। वे उप राज्यपाल से अधिकारियों की हड़ताल समाप्त कराने और राशन लोगों के घर पर पहुंचाने के प्रस्ताव को स्वीकृत करने की मांग कर रहे हैं।