जोधपुर। आसाराम पर यौन शोषण के मामले में 25 अप्रेल को न्यायालय के फैसलें के मद्देनजर जोधपुर शहर की सीमा को सील करने के साथ 29 अप्रेल तक निषेधाज्ञा लगाई गई है।
राम रहीम के खिलाफ फैसले के विरोध में पंचकुला में हुई हिंसा से सबक लेकर यहां के प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कई उपाय किए हैं। देश भर के पुलिस नियंत्रण कक्षों को भी सूचित किया गया है कि आसाराम से मिलने आने वालों के बारे में जोधपुर पुलिस को सूचित किया जाए।
न्यायालय के फैसले के दिन बाहर से आसाराम के ज्यादा अनुयायी नहीं आएं इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं। आसाराम के खिलाफ यौन शोषण के मामले में अनुसूचित जाति जनजाति न्यायालय में आरोपों पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जो अब 25 अप्रेल को केन्द्रीय जेल में सुनाया जाएगा। इस दिन धरना प्रदर्शन और रैली निकालने पर रोक रहेंगी ताकि पंचकुला जैसे हालात नहीं हो।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आराराम के खिलाफ उसी के गुरूकुल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा ने 20 अगस्त 2013 को यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। नाबालिग ने कहा था कि जोधपुर के निकट मणाई आश्रम में आसाराम ने 15 अगस्त 2013 को बुलाकर उसका शोषण किया।
थाने ने जीरो एफआईआर दर्ज कर मामला जोधपुर में संबंधित थाने को भिजवाई। जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया। आसाराम को बड़ी मशक्कत के बाद 31 अगस्त 2015 को इंदौर स्थित आश्रम से रात को गिरफ्तार किया और जोधपुर लाया गया। तब से ही आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
आसाराम की जमानत का प्रयास राम जेठमलानी, सुब्रमण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद सहित देश के कई जाने माने वकीलों ने किया, लेकिन जमानत नहीं हुई। आसाराम ने निचली अदालतों, उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक 11 बार जमानत लेने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।