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Ashok Gehlot and Vasundhara Raje's reputation stake for Rajasthan first phase elections - राजस्थान में पहले चरण चुनाव में अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दांव पर - Sabguru News
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राजस्थान में पहले चरण चुनाव में अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दांव पर

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राजस्थान में पहले चरण चुनाव में अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दांव पर
Ashok Gehlot and Vasundhara Raje's reputation stake for Rajasthan first phase elections
Ashok Gehlot and Vasundhara Raje's reputation stake for Rajasthan first phase elections
Ashok Gehlot and Vasundhara Raje’s reputation stake for Rajasthan first phase elections

जयपुर। राजस्थान में पहले चरण में 29 अप्रेल को लोकसभा चुनाव की तेरह सीटों पर होने वाले में मुख्य रुप से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच मुकाबला है तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं पीपी चौधरी सहित मौजूदा नौ सांसदों और पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

इन सीटों के चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है। इन तेरह में से बारह सीटों पर भाजपा एवं कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार है जबकि बांसवाड़ा में त्रिकोणीय मुकाबला बनता जा रहा है। इन सीटों के मतदान में अब तेरह दिन शेष है और सभी प्रत्याशी एवं उनके समर्थक चुनाव प्रचार में जुट गए।

राज्य में सत्ता परिवर्तन हाेने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों में आकर्षण बना हुआ है तथा वे पार्टी एवं उम्मीदवार को कम मोदी को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। पिछले विधानसभा में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के बाद से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश है जिसके चलते अधिकतर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला बनता जा रहा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत जोधपुर से चुनाव लड़ रहे जहां उनका सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी शेखावत से है। गहलोत एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के अन्य नेता जोधपुर में उनके समर्थन में चुनाव सभा कर चुके हैं।

युवा वैभव राज्य में कांग्रेस महासचिव है और उनके पास खुद का कोई लंबा राजनीतिक अनुभव नहीं है, ऐसे में यह चुनाव गहलोत और शेखावत के बीच ही माना जा रहा है। जोधपुर में बहुजन समाज पार्टी की मुकुल चौधरी सहित कुल दस उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।

इसी तरह राज्य की झालावाड़-बारां सीट पर राजे के सांसद पुत्र एवं भाजपा उम्मीदवार दुष्यंत सिंह का मुकाबला कांग्रेस के नए चेहरे प्रमोद शर्मा के बीच सीधा मुकाबला होता नजर आ रहा है, जिसमें शर्मा के लिए भाजपा का गढ़ भेद पाना काफी मुश्किल लग रहा है।

दुष्यंत सिंह लगातार तीन चुनाव जीतकर झालावाड़ में अपनी मां की तरह अपनी स्थिति काफी मजबूत कर चुके हैं और ऐसे में नए चहेरे के लिए उनका मुकाबला कर पाना कड़ी चुनौती है। झालावाड़ सीट पर 1989 से पिछले आठ चुनावों में मां-बेटे का कब्जा रहा है। झालावाड़ में इनके अलावा बसपा के शिवलाल गुर्जर सहित कुल चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे है।

बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट पर पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला भाजपा के नए चेहरे पूर्व विधायक कैलाश चौधरी से है। बसपा उम्मीदवार पूर्व पुलिस अधिकारी पंकज चौधरी का पर्चा खारिज हो जाने से अब वहां मानवेन्द्र सिंह और कैलाश चौधरी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है।

मानवेन्द्र सिंह को अपने पिता एवं खुद के राजनीतिक प्रभाव के साथ राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के साथ मौजूदा सांसद कर्नल सोनाराम का भाजपा से टिकट कट जाने से बनने वाली स्थिति के फायदा मिलने की उम्मीद है जबकि भाजपा प्रत्याशी को मोदी लहर और भाजपा से नागौर सीट पर गठबंधन करने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल के जिले में उनके पक्ष में प्रचार से लाभ मिलने की आशा है। बाड़मेर में 21 अप्रेल को मोदी की भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव सभा होगी।

पाली से केन्द्रीय विधि राज्य मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी पीपी चौधरी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सांसद बद्री राम जाखड़ से सीधा मुकाबला होने की संभावना है। दोनों प्रत्याशी एक ही जाति के होने के कारण जाटों के मतों का बंटवारा होगा और शेष पार्टी एवं व्यक्ति एवं मुद्दों के आधार पर मतदान होने की संभावना है।

भाजपा मोदी की लोकप्रियता के बल पर जीत के प्रति आशान्वित नजर आ रही है वहीं कांग्रेस राज्य में किसानों के कर्ज माफ एवं बेरोजगारी भता आदि वादे पूरे करने से लोगों का समर्थन मिलने की उम्मीद लगाए हुई है।

उदयपुर (सुरक्षित) सीट पर भाजपा प्रत्याशी सांसद अर्जुन लाल मीणा, कांग्रेस के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, बसपा के केशुलाल मीणा, भारतीय आदिवासी पार्टी के बृद्धी लाल छंवल , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कीका मीणा सहित कुल नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। यहां भी भाजपा एवं कांग्रेस में मुख्य मुकाबला होने की संभावना है। उदयपुर में चार पार्टियों के प्रत्याशी मीणा होने से मीणा के मतों का बंटवारा होगा।

जालौ में पन्द्रह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जहां भाजपा प्रत्याशी सांसद देवजी एम पटेल एवं कांग्रेस के नये चेहरे रतन देवासी से सीधा मुकाबला माना जा रहा है। यहां आरआरपी, एपीओआई आदि दलों के प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं लेकिन लगता नहीं कि वे मतदाताओं पर कोई खास प्रभाव डाल पाएंगे। अजमेर में भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी और कांग्रेस उम्मीदवार उद्योगपति रिज्जु झुनझुनवाला के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार है।

अजमेर में बसपा के दुर्गा लाल रेगर सहित कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इसी तरह चित्तौड़गढ में भाजपा के सांसद चन्द्र प्रकाश जोशी का सीधा मुकाबला कांग्रेस के पूर्व सांसद गोपाल सिंह ईडवा से माना जा रहा है। बसपा प्रत्याशी जगदीश चंद्र शर्मा, सीपीआई की राधा भण्डारी एवं बीटीपी का प्रकाश चंद मीणा सहित कुल दस उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

राजसमंद से भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक दीया कुमारी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी देवकी नंदन से हैं। दोनों ही नए चेहरे हैं लेकिन पार्टी एवं मोदी के नाम की चर्चा ज्यादा चल रही है, इसलिए यहां भाजपा और कांग्रस में सीधा मुकाबला होता नजर आ रहा है। इनके अलावा बसपा प्रत्याशी चेनाराम सहित कुल दस प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

भीलवाड़ा से दो बार सांसद रहे भाजपा के सुभाष बहड़िया का सीधा मुकाबला कांग्रेस के नये चेहरे राम लाल शर्मा से होने की उम्मीद हैं। भीलवाड़ा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को राजनीतिक प्रभुत्व है लेकिन इस बार कांग्रेस ने नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतार देने से भीलवाड़ा में राजनीतिक दबदबा कायम करना उनके लिए कड़ी चुनौती बन गया है। भीलवाड़ा में बसपा के शिवलाल गुर्जर सहित कुल चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

कोटा संसदीय क्षेत्र में भी पन्द्रह प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही होने के आसार है। भाजपा के सांसद ओम बिड़ला का सीधा मुकाबला कांग्रेस के पूर्व सांसद रामनारायण मीणा से होने की संभावना है। बसपा के हरीश कुमार भी चुनाव मैदान में है। टोंक-सवाईमाधोपुर में भी कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा का सीधा मुकाबला भाजपा के सांसद सुखवीर सिंह जौनपुरिया से होने के आसार है। टोंक से कुल आठ उम्मीदवार चुनावी किस्मत आजमा रहे है।

इन तेरह सीटों में बांसवाड़ा (सुरक्षित) सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। गत विधानसभा चुनाव में पहली बार अच्छा प्रदर्शन करते हुए दो सीटे जीतने वाली बीटीपी के कारण इस बार बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला की स्थिति बनती नजर आ रही है।

बीटीपी ने यहां कांति लाल रोत को चुनाव मैदान में उतारा है जहां वह कांग्रेस के तीन बार सांसद रहे ताराचंद भगोरा एवं भाजपा प्रत्याशी पूर्व राज्यसभा सदस्य कनकमल कटारा के साथ त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति में नजर आने लगे है। बांसवाड़ा से कुल पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।