Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान - Sabguru News
होम Headlines लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान

लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान

0
लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान, आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के स्टाइपेंड व इंटर्न अलाउंस में वृद्धि करने एवं राज्य के निर्यातकों के लिए विभिन्न छूटों को मंजूरी सहित अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गहलोत ने लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए 100 करोड़ रूपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी है। इससे योजना के सुगम संचालन में सहायता मिलेगी तथा लाभार्थियों का दायरा बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि बजट 2022-23 में गहलोत ने प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देने तथा छोटे व्यवसायिओं एवं निवेशकर्ताओं को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए लाई गई ‘मुख्यमंत्री लघु प्रोत्साहन योजना’ के लिए 150 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी थी। योजना के लिए पूर्व में ही लगभग 58 करोड़ रूपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। उक्त घोषणा की अनुपालना में गहलोत ने 100 करोड़ रूपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है। योजना की लोकप्रियता को देखते हुए इसके लिए प्रावधित बजट में वृद्धि की गई है।

मुख्यमंत्री ने डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के विभिन्न श्रेणियों के छात्रों के स्टाइपेण्ड एवं इंटर्न अलाउन्स में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी और साथ ही उन्होंने संघटक यूनानी कॉलेज टोंक के बीयूएमएस यूजी छात्रों को इंटर्न अलाउन्स दिए जाने की सहमति दी है। गहलोत की इस मंजूरी से आयुर्वेद के पीजी (एमडी/एमएस) व यूजी (बीएएमएस) छात्रों को एलोपैथी के पीजी व यूजी छात्रों के समान ही स्टाइपेण्ड व इंटर्न अलाउंस मिलेगा।

प्रस्ताव के अनुसार आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के पीजी (एमडी/एमएसद्ध छात्रों को प्रथम वर्ष में 19 हजार रूपए प्रतिमाह के स्थान पर अब 55 हजार 200 रूपए प्रतिमाह, द्वितीय वर्ष में 20 हजार रूपए के स्थान पर 58 हजार 650 रूपए प्रतिमाह तथा तृतीय वर्ष में 21 हजार रूपए प्रतिमाह के स्थान पर 60 हजार 950 रूपए प्रतिमाह का स्टाइपेण्ड व महंगाई भत्ता दिया जाएगा।

इस पर लगभग 5 करोड़ 38 लाख रूपए का वित्तीय भार आएगा, जिसे राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। साथ ही आयुर्वेद विश्वविद्यालय के यूजी (बीएएमएस) छात्रों को इंटर्न अलाउन्स के रूप में 7 हजार रूपए के स्थान पर 14 हजार रूपए प्रतिमाह तथा संघटक यूनानी कॉलेज, टोंक के यूजी बीयूएमएस छात्रों को इंटर्न अलाउन्स के रूप में 14 हजार रूपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। इस पर क्रमशः 1.76 करोड़ रूपए व 1.42 करोड़ रूपए के वित्तीय भार को विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने हाल में जोधपुर यात्रा के दौरान आयुर्वेद चिकित्सा के प्रशिक्षणार्थियों को आयुर्वेद महाविद्यालय, उदयपुर के समान ही स्टाइपेण्ड व इंटर्न अलाउन्स देने की घोषणा की थी।

इसी तरह मुख्यमंत्री ने राज्य के निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न प्रकार की छूट देने के निर्णय को स्वीकृति दी है। इस स्वीकृति से अनुमोदित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों एवं व्यवसाय सेवा प्रबंधन (बीएसएम) में भाग लेने पर चुकाए ग्राउण्ड रेंट एवं सहभागिता शुल्क का पुनर्भरण योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाले पुनर्भरण की राशि 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है।

योजना के अंतर्गत छूट बढ़ाने के साथ-साथ योजना की अवधि भी बढ़ाकर 31 मार्च, 2025 तक कर दी गई है। प्रदेश के निर्यातकों द्वारा के विदेश में नियुक्त प्रतिनिधि मण्डल द्वारा अपने उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न आयोजनों में दिए गए सहभागिता शुल्क के पुनर्भरण के लिए राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद को 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा नए नियमों में राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद के अंतर्गत पंजीकृत राजस्थान निवासी निर्यातक जिनके पास एमएसएमई एवं आईईसी कोड हो, इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। साथ ही ‘मिशन निर्यातक बनो’ के अंतर्गत पंजीकृत निर्यातक जिनहोंने मिशन के लांच के बाद निर्यात शुरू किया हो तथा आरईपीसी के अंतर्गत पंजीकृत हो, भी नए नियमों के अनुसार छूट के पात्र होंगे।

संशोधित नियमों से जहां एक तरफ प्रदेश के निर्यातकों को अपने उत्पादों का देश एवं विदेश में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोजनों में प्रदर्शन एवं प्रचार-प्रसार में सुगमता होगी। वहीं सहभागिता शुल्क व ग्राउण्ड रेंट में छूट बढ़ने से वित्तीय राहत भी मिलेगी।

राजस्थान सरकार प्रदेश में सहरिया क्षेत्र के विकास के लिए अहम निर्णय ले रही है और इसी के तहत गहलोत ने संवेदनशील निर्णय लेते हुए सहरिया क्षेत्र के 135 मां-बाड़ी/डे-केयर केन्द्रों के संचालन एवं स्वास्थ्यकर्मी योजनान्तर्गत 200 स्वास्थ्यकर्मियों पर होने वाले समस्त व्यय राज्य निधि से किए जाने की सहमति प्रदान की है।

प्रस्ताव के अनुसार सहरिया क्षेत्र में संचालित 135 मां-बाड़ी/डे-केयर केन्द्रों को 5.63 लाख रूपये प्रति केंद्र अनुसार कुल 7.60 करोड़ रूपए तथा 200 स्वास्थ्यकर्मियों का भुगतान राज्य निधि से किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से मां-बाड़ी केन्द्रों का सुचारू संचालन तथा स्वास्थ्यकर्मी योजना के माध्यम से निहित स्वास्थ्यकर्मियों का भुगतान हो सकेगा।

उल्लेखनीय है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय, केंद्र सरकार ने योजना हेतु राशि स्वीकृत करने में असमर्थता व्यक्त की। इसके दृष्टिगत गहलोत ने उक्त योजनाओं का संचालन राज्य निधि से करने के लिए स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने कुशलगढ़ के श्री मठ मंगलेश्वर महादेव मन्दिर व श्रीरामजी मन्दिर में विभिन्न विकास कार्यों के लिए भी पांच करोड़ रूपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है। गहलोत की इस मंजूरी से कुशलगढ़ के श्री मठ मंगलेश्वर महादेव व श्रीरामजी मन्दिर में कुल पांच करोड़ रूपए के विभिन्न निर्माण कार्य हो सकेंगे। इससे भक्तों को दर्शन में सुगमता होगी तथा मन्दिर का विकास भी हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि गहलोत ने उदयपुर यात्रा के दौरान इन दोनों मंदिरों में विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए देवस्थान विभाग द्वारा बजट दिए जाने की घोषणा की थी।

गहलोत द्वारा बालिका शिक्षा प्रोत्साहन में भी अहम निर्णय लिए जा रहे हैं और उन्होंने अब कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना में शामिल सभी स्कूटी योजनाओं में वितरित की जाने वाली स्कूटी के पंजीयन शुल्क, एक बारीय कर, सरजार्च एवं ग्रीन टैक्स में पूर्णतया छूट प्रदान की है। गहलोत ने इस संबंध में परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की प्रस्तावित अधिसूचना को मंजूरी प्रदान की है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 के नियम 81 के अनुसार दुपहिया वाहन के प्रथम रजिस्ट्रेशन के लिए फीस के रूप में 300 रूपए की राशि ली जाती है। वहीं, प्रति वाहन लगभग 5000 कर देय लगता है। ऐसे में छात्राओं को लगभग 5300 रूपए की छूट प्रदान की जाएगी।

राज्य सरकार द्वारा मेधावी छात्राओं को प्रोत्साहित करने के उददेश्य से कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी है। गौरतलब है कि देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना में भी पहले से ही कर देय में छूट का प्रावधान है। कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना में कई विभागों की स्कूटी योजनाएं शामिल हैं।

इनमें, सभी वर्गों की छात्राओं हेतु (उच्च शिक्षा विभाग), एससी की छात्राओं हेतु (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग), एसटी की छात्राओं हेतु (जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग), सामान्य वर्ग का आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की छात्राओं हेतु (माध्यमिक शिक्षा विभाग), अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं हेतु (अल्पसंख्यक मामलात विभाग), विमुक्त, घुमंतु व अर्द्धघुमंतु समुदाय की छात्राओं हेतु (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) प्रमुख है।