जयपुर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायक बिना किसी दबाव एवं प्रलोभन, अपनी स्वेच्छा एवं राज्य हित में कांग्रेस के साथ आये है।
गहलोत ने आज यहां मीडिया से बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान के सवाल पर यह बात कही। उन्होंने कहा “मायावतीजी ने जो कहा है मैं समझता हूं उनका ऐसा रिएक्शन स्वाभाविक है, लेकिन उन्हें ये भी समझना चाहिए कि विकास के लिए सरकार के साथ जुड़कर विकास करवा सकते हैं, ये सोचकर ही बसपा विधायकों ने यह बड़ा फैसला लिया है।”
उन्होंने कहा कि राज्य हित में स्थाई सरकार रहे, सुशासन दे रही कांग्रेस सरकार के भागीदार बनने एवं राज्य का कैसे विकास हो, ये सोचकर सभी बसपा विधायकों ने एक राय होकर यह फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि हमने कोई दबाव नहीं डाला है, कांग्रेस ने कभी होर्स ट्रेडिंग नहीं की, ऐसा भाजपा ने किया है और कर्नाटक में होर्स ट्रेडिंग करके सरकार को तोड़ दिया और मध्यप्रदेश में पार्टियां बड़े ऑफर दे रही है। उन्होंने कहा कि गोवा, तेलगांना और महाराष्ट्र में लोकतंत्र को खत्म कर रहे है।
उन्होंने कहा कि मायावती के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जूनियर पार्टनर बनी थी तब हमने बसपा का साथ दिया था। राजस्थान में आगामी निकाय चुनाव में फायदा होने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि यह सब जनता के मूड पर निर्भर होगा। उल्लेखनीय है कि बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर मायावती ने कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी बताया है।