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अशोक गहलोत को पता था घनश्याम तिवाडी देंगे बीजेपी से इस्तीफा!
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अशोक गहलोत को पता था घनश्याम तिवाडी देंगे बीजेपी से इस्तीफा!

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अशोक गहलोत को पता था घनश्याम तिवाडी देंगे बीजेपी से इस्तीफा!
ashok gehlot comments on resignation of ghanshyam tiwari

जयपुर। भाजपा के कद्दावर नेता एवं विधायक घनश्याम तिवाड़ी पार्टी छोडने से पहले से वसुंधरा राजे के धुर विरोधी रहे। सत्ताधारी पार्टी में होने के बावजूद उन्होंने विपक्ष से कहीं अधिक बार सरकार को कटघरे में घसीटने में कोई कोर कसर नहीं छोडी। बीते चार साल से वे सीधे तौर पर राजे सरकार की खिलाफत करते रहे हैं।

सोमवार को उन्होंने भाजपा छोडने का ऐलान कर दिया। इसके बाद से प्रदेश की राजधानी में राजनीतिक गुणा भाग का खेल शुरू हो गया। भाजपा के कई नेताओं का मानना है कि तिवाडी के जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पडेगा। वे जितना विरोध कर सकते थे पार्टी में रहने के दौरान कर चुके। उनके तरकश में अब कोई तीर नहीं बचा इसलिए खुद ही पार्टी से निकल लिए।

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खास बात यह है कि तिवाडी के इस्तीफे पर पहली प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता अशोक गहलोत की आई। उन्होंने कहा कि तिवाड़ी का पार्टी छोड़ना और उसके खिलाफ यह बयान साबित करता है कि राज्य में भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। जिस तरह गहलोत ने तिवाड़ी के इस्तीफे पर सबसे पहले प्रतिक्रिया दी उससे लग रहा है कि उनको पहले से ही पता था कि तिवाड़ी इस्तीफा देने वाले हैं।

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी का बयान गहलोत के बाद आया। परनामी ने बस इतना ही कहा कि तिवाडी के इस्तीफे से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। पार्टी के कद्दावर नेता गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने दो टूक कहा है कि घनश्याम तिवाड़ी के त्याग पत्र देने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

कटारिया ने तिवाड़ी के पार्टी से इस्तीफा देने की घटना को सामान्य बताते हुए कहा कि जिस पार्टी ने गांव की गली से उठाकर हिन्दुस्तान में पहचान बनाई है उसे चुनौती देना गलत हैं।

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत टकराव किसी से हो सकता है लेकिन पार्टी हमारी मां बाप के समान है और उसको चुनौती देना कौनसी बुद्विमानी हैं। उन्होंने कहा कि बलराज मधोक जैसे व्यक्ति चले गए तो भी पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ा, तो यह कौनसी तुरूप हैं।

इस बीच राजनीतिक पंडित तो यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि अशोक गहलोत और घनश्याम तिवाड़ी का सियासी दोस्ती कोई नई नहीं है। अलग अलग पार्टी में रहने के दौरान भी दोनों के बीच मधुर संबंध रहे हैं।

घनश्याम तिवाडी के इस्तीफे पर कटारिया बोले, ये कौनसी तुरूप है?

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