जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज बनाकर वादों को पूरा किया है।
गहलोत राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर आज यहां जवाहर कला केंद्र में आयोजित राज्य स्तरीय विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने 25 विभागों की सभी स्टॉल्स पर जाकर विभागों द्वारा करवाए गए विकास कार्यों, उपलब्धियों एवं नवाचारों का अवलोकन किया। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाकर अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि हमने जनता की भावनाओं के अनुरूप जन घोषणा पत्र बनाया, जिसको आधार बनाकर नीति निर्माण एवं क्रियान्वयन का कार्य किया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा के लिए लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन दी जा रही है। आईटी का इस्तेमाल करते हुए प्रदेश में एक जवाबदेही और पारदर्शी सुशासन स्थापित करने का कार्य राज्य सरकार ने किया है। भ्रष्ट कार्मिकों के विरूद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है।
इंदिरा रसोई योजना में आमजन को पौष्टिक भोजन 8 रूपए में सम्मान के साथ परोसा जा रहा है। प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए 800 करोड़ रूपए की ‘उड़ान योजना‘ के माध्यम से निःशुल्क सैनेटरी नेपकिन का वितरण किया जा रहा है। सरकार की योजनाओं से आज 46 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों का बिजली बिल शून्य आ रहा है। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को राहत दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि आमजन को महंगे उपचार से मुक्ति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की है। इसमें 10 लाख रूपए तक का निःशुल्क उपचार मिल रहा है। किडनी, हार्ट, लीवर ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज में 10 लाख की सीमा समाप्त कर सारा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। साथ ही, 5 लाख रूपए तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा आईपीडी, ओपीडी में सभी प्रकार के उपचार निःशुल्क कर दिए गए हैं। प्रदेश में आमजन की सीटी स्केन, एमआरआई स्केन जैसी महंगी जांचें निःशुल्क की जा रही हैं। इन ऐतिहासिक निर्णयों से राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मॉडल स्टेट बनकर उभरा है।
गहलोत ने कृषि विभाग की स्टॉल पर ऋण माफी के लाभार्थी किसानों से संवाद किया। साथ ही प्रगतिशील किसान से मुलाकात कर उनके नवाचारों को सराहा। प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के सुजस ऐप, सुजस बुलेटिन, सुजस ई-बुलेटिन एवं सुजस पॉडकास्ट ‘आवाज‘ का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी स्थल पर बने सुजस स्टूडियो से प्रदेशवासियों के नाम सरकार के 4 वर्ष पूरे होने पर वीडियो संदेश भी रिकॉर्ड किया।
उन्होंने परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की स्टॉल पर दुर्घटनाग्रस्त पीड़ितों की जान बचाने के लिए दिए जाने वाले प्रशिक्षण का लाइव डेमो देखा। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाये गए मोबाईल स्टूडियो में 7-डी सिनेमा का भी अवलोकन किया। प्रदर्शनी के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष स्कूली छात्राओं ने राज्य सरकार की ओर से बालिकाओं को दी जा रही आत्मरक्षा प्रशिक्षण का प्रदर्शन किया।
गहलोत ने कहा कि राज्य के 13 जिलों में आमजन और किसानों के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) योजना से प्रदेश के एक बड़े क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई जल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए। अनावश्यक देरी से परियोजना की लागत बढ़ेगी व प्रदेशवासी परियोजना के लाभ से वंचित होंगे। उन्होंने कहा कि गत बजट में राज्य सरकार द्वारा ईआरसीपी के लिए 9600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा ना मिलने तक राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से इसे आगे बढ़ाएगी।
किसान कर्जा माफी के मामले में भाजपा बोलती है झूठ
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के राज्य की कांग्रेस सरकार के किसानों का कर्जा माफ नहीं करने के आरोप को झूठा करार देते हुए कहा है कि प्रदेश में 22 लाख किसानों का 14 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ किया गया है।
गहलोत ने राज्य सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री निवास पर प्रेस कांफ्रेंस में आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया गया लेकिन किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ, वे लोग झूठ बोलते हैं और राजनीति कर रहे है।
उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में एक लाख तक कर्जा माफ हुआ जबकि हमारे यहां किसानों का असीमित कर्जा माफ किया गया हैं। हालांकि नेशनल बैकों का नहीं कर पाए क्योंकि इस मामले में केन्द्र सरकार सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर कर्जा माफ करने के मामले में भेदभाव करने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के कर्जा माफ करने के अलावा महंगाई की मार को कम करने के लिए किसानों एवं आम बिजली उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की गई जिससे 46 लाख लोगों के बिजली के बिल शून्य हो गया इनमें आठ लाख किसान हैं।