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जोधपुर। स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों को मनगढ़त कहानी करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर, निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, अभिनेत्री और विलेन हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि आप कह रहे हैं कि बकरों की तरह राजस्थान में विधायकों की मंडी लगाई गई है। उनकी पार्टी के कौन-कौन से विधायकों को वो बिकाऊ बकरा मानते हैं, ये सूची उनको सामने लानी चाहिए।
शनिवार को मीडिया से बातचीत में शेखावत ने राजस्थान के मुखिया अशोक गहलोत पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जैसे बॉलीवुड में फिल्म को सफल बनाने के लिए पॉपुलैरिटी स्टंट किए जाते हैं, वैसा ही आज राजस्थान की राजनीति में दोहराया जा रहा है। राज्यसभा चुनाव के समय भाजपा का नाम लेकर सनसनी पैदा की गई, जबकि निगाह कहीं और थी, निशाना कहीं और था। जब उस फिल्म को पर्याप्त सफलता नहीं मिली तो मुख्यमंत्री द्वारा कहानी में एक नया मोड़ लाकर पिछले तीन दिनों से नई सनसनी पैदा करने की कवायद की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 9 जून को मुख्यमंत्री ने जयपुर में शिव विलास रिसोर्ट के बाहर बयान दिया था कि हमारे विधायकों की खरीद-फरोख्त हो रही है। 11 जून को उनके चीफ व्हिप ने मुकदमा दर्ज कराया। 9 जून को जब मुख्यमंत्री की जानकारी में ये बात आई थी, तब मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया। 11 जून से लेकर 11 जुलाई तक पूरा एक महीना बीत जाने के बाद कल आनन-फानन में कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि फिल्म की सफलता के लिए नया ट्यूस्ट लाने की आवश्यकता पड़ी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तमाम तरह के मनगढ़त आरोप भाजपा नेतृत्व पर लगाने का प्रयास किया, जबकि उन्होंने खुद विरोधाभासी बयान दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार फिर नए सिरे संगठित रूप में सरकार को गिराने की कवायद हो रही है। वहीं, वो कह रहे हैं कि एसओजी को पूछो, मुझे जानकारी नहीं है। जब उनसे नाम पूछे जाते हैं तो कहते हैं कि मैं एसओजी का डीजी थोड़ी हूं कि आपको नाम बताऊंगा।
शेखावत ने कहा कि अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री को बदनाम करने तथा रास्ते से हमेशा के लिए हटाने के लिए उन्होंने ये षड्यंत्र रचा था। कामयाब न हो पाने के कारण से एकबार फिर वो इस तरह की कवायद करने को मजबूर हुए हैं। शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने चुनाव जीतने के लिए बजट बनाने की बात कही है, जबकि हम देश निर्माण के लिए सरकार चलाते हैं।
… तो सबूत दें मुख्यमंत्री
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने ने कोशिश की तो इसके सबूत उनको देने चाहिए, न की इस तरह से मनगढ़त कहानी बनानी चाहिए। मुख्यमंत्री के नए-नए नेता बने वाले बयान पर शेखावत ने कहा कि भाजपा नए लोगों को आगे बढ़ाने में विश्वास करती है, लेकिन मुख्यमंत्री अपनी पार्टी में नए लोगों को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं। ये ही उनके मन में टीस है।
निष्पक्ष जांच करे एसओजी
शेखावत ने कहा कि मैं भरत मालानी को नहीं जानता। अगर किसी व्यक्ति ने ऐसा अपराध किया है तो निश्चित रूप से उसे सजा मिलनी चाहिए। एसओजी निष्पक्ष जांच करे। केंद्र सरकार के जांच एजेंसियों के इस्तेमाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस पार्टी के अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष समेत आधा शीर्ष नेतृत्व बेल पर जेल से बाहर हों, वो हमसे प्रश्न कर रहे हैं। उन्हें अपने गिरेबां में झांकने की आवश्यकता है। कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री के बताए आंकड़ों पर शेखावत ने कहा कि सरकार आत्ममुग्धता के दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव के समय में राजस्थान की जनता आपसे 2018 से लेकर 2023 का एक-एक दिन का हिसाब लेगी।
पिछले दरवाजे से सत्ता पर काबिज
भाजपा में गुटों के सवाल पर शेखावत ने कहा कि वो खुद ही कहते हैं कि दो लोग सरकार चलाते हैं, वो दो ही व्यक्ति पार्टी चलाते हैं, जबकि दूसरी तरफ कहते हैं कि अलग-अलग गुट हैं। दूसरी तरफ वो खुद ही ये बात कहते हैं कि राजस्थान में कौन नहीं मुख्यमंत्री बनना चाहता, हमारी पार्टी में भी 5-6 लोग मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, उनका दर्द यही है कि राजस्थान की जनता ने, राजस्थान की कांग्रेस पार्टी ने जिस आदमी को मुख्यमंत्री बनाने का सोचकर मतदान किया था, उन्होंने पिछले दरवाजे से आकर आलाकमान की चॉबी भरकर सत्ता पर काबिज हुए हैं, यही दर्द जो है, बार-बार उनके मुंह से फूटकर सामने आता है।
महात्मा गांधी का अपमान क्यों
शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे थे कि ये तो महात्मा गांधी के प्रदेश में होता है। मैं पूछना चाहता हूं कि महात्मा गांधी का अपमान करने का अधिकार मुख्यमंत्री को किसने दिया। किस अधिकार के तहत और किस हैसियत के तहत उन्होंने महात्मा गांधी का अपमान किया है। शेखावत ने कहा कि जिस पार्टी ने आर्टिकल 356 लगभग सेंचुरी की बनाई हो, वो पार्टी आज लोकतंत्र की दुहाई दे रही है। मुझे लगता है कि अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए, उसके बाद में इस तरह के बयान उनको देने चाहिए।
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