जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने वीसीआर मामले में बीस प्रतिशत राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में मामला दर्ज करने, कृषि कनेक्शन देने, स्वैच्छिक भार वृद्धि एवं कोरोना काल में बिजली बिल के विलंब शुल्क में छूट सहित कई घोषणाएं कर दीपावली से पहले किसानों को कई राहत प्रदान की है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर जनता के साथ यह खुशी साझा की है। डोटासरा ने कहा कि जहां केन्द्र की मोदी सरकार किसान विरोधी कृषि विधेयक लाकर किसानों के ईमान को गिरवी रखना चाहती हैं वहीं किसानों की हतैषी कांग्रेस की गहलोत सरकार ने एक साथ चार बड़े फैसले लेकर केन्द्र सरकार को आईना दिखाने का काम किया हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो कहती है वह निश्चित समय में करके भी दिखाती है। कांग्रेस सरकार ने किसानों को बड़ी मांग वीसीआर के मामले में 70 प्रतिशत राशि जमा करोने पर ही समझौता समिति में मामला दर्ज होने की अनिवार्यता को हटा दिया है। अब प्रदेश के किसान महज 20 प्रतिशत राशि जमा कराकर अपने बिजली चोरी के मामले को समौता समिति में ले जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि बिजली कंपनियों को सरकार ने दस दिन में बजली चोरी के मामलों का समाधान करने के निर्देश दिए है। इसके अलावा किसान यदि 50 प्रतितश राशि एकमुश्त जमा कराता है तो वीसीआर के मामले का पूरी तरह निपटारा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कृषि कनेक्शन, स्वैच्छिक भार वृद्धि एवं कोरोना काल में विलंब शुल्क में छूट सहित अन्य फैसले लिए गए हैं।
डोटासरा ने बताया कि ये फैसले प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में लागू होंगे। उन्होंने बताया कि ऐसे उपभोकता जिनका मासिक उपभोग 50 यूनिट तक है और उन्होंने बिल जमा नहीं कराया तो उनको विलंब शुल्क की छूट मिलेगी। यह छूट 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी।
प्रदेश के ऐसे किसान जो कोरोना की वजह से अपने कृषि कनेक्शनों का लोड नहीं बढ़ा सके वे आगामी 31 दिसंबर तक इसे बढा सकेंगे। पहले यह योजना गत मार्च तक थी। सरकार ने इस साल 50 हजार किसानों को कृषि कनेक्शन देने का सरकार ने लक्ष्य रखा है और इसके तहत ये कनेक्शन इसी वित्तीय वर्ष में दिए जाएंगे।