नई दिल्ली। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की और समझा जाता है कि उन्होंने सोनिया गांधी से अपनी उम्मीदवारी के बारे में बात की।
गहलोत को कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए अगले महीने वाले चुनाव में सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है और कहा जा रहा है कि उन्होंने गांधी से मुलाकात कर अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने के बारे में उनकी अनुमति मांगी है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दूसरा प्रमुख उम्मीदवार कांग्रेस सांसद शशि थरूर को माना जा रहा है। थरूर ने मंगलवार को गांधी से मुलाकात की थी।
बताया जाता है कि उन्होंने सोनिया गांधी को बताया कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहते हैं तो सोनिया गांधी ने उन्हें बताया कि कोई भी चुनाव लड़ सकता है। थरूर आज पार्टी के चुनाव प्रभारी मधु सूदन मिस्त्री से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे।
गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत ने बताया कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, लेकिन यदि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वह पार्टी के आदेश का अनुपालन करेंगे। उनका कहना था कि अध्यक्ष पद के लिए प्रक्रिया शुरु होने से पहले वह भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त गांधी से मिलने जाएंगे और उन्हें मनाने का प्रयास करेंगे और यदि वह नहीं मानते तो फिर वह अध्यक्ष बनने के बारे सोच सकते हैं।
गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि मुझे पार्टी ने सबकुछ दिया है, हाईकमान ने सबकुछ दिया है, पिछले 40-50 साल से मैं पदों पर ही हूं, मेरे लिए अब कोई पद इम्पोर्टेंट नहीं है, मेरे लिए है कि किस प्रकार से मैं जो भी जिम्मेदारी मिलेगी मुझे या जो जिम्मेदारी मुझे लेनी चाहिए, वो मैं निभाऊंगा। मैं गांधी को अध्यक्ष पद के लिए मनाने का एक बार और प्रयास करूंगा। मैं मुख्यमंत्री रहूं या नहीं रहूं यह समय बताएगा, लेकिन आखिरी बार राहुल जी से आग्रह करूंगा कि वे कांग्रेस के अध्यक्ष बनें, उसके बाद मैं फैसला करूंगा।
उन्होंने ट्वीट में आगे कहा कि अब कांग्रेस मजबूत कैसे हो, ये अब देशवासियों को चिंता होने लग गई है कि कांग्रेस पार्टी प्रतिपक्ष के रूप में मजबूत होनी चाहिए, उस माहौल में हम लोग चल रहे हैं, तो हम जो फैसले करेंगे वो फैसले करेंगे कि हमारे हर फैसले से कांग्रेस मजबूत हो, ये मेरा ध्येय है। पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है। मुझे जो आदेश होगा मैं पालन करूंगा। अगर पार्टी को लगता है कि मेरी अध्यक्ष के रूप में जरूरत है तो मैं मना नहीं कर पाऊंगा। मेरे लिए पद कोई मायने नहीं रखता।
गहलोत ने कहा कि मुझे तो जीवनभर कांग्रेस की सेवा करनी है। पार्टी के हित में मेरा जहां भी उपयोग हो सकता है मैं उस पद रहकर काम करने को तैयार रहूंगा। पार्टी को लगता है कि मेरी मुख्यमंत्री के रूप में या अध्यक्ष के रूप में जरूरत है तो वह तय करे और मैं मना नहीं करूंगा। एक पद, एक व्यक्ति के सिद्धांत का पालन करता रहूंगा। कोई पद भी नहीं मिले तो कुछ फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि मैं बहुत पद पर रह चुका हूं। मेरी उपस्थिति से पार्टी को फायदा होना चाहिए और कांग्रेस को मजबूत रहना चाहिए बस, मैं यह चाहता हूं। कांग्रेस ने मुझे बहुत कुछ दिया है। सबकुछ पार्टी से ही मुझे मिला है।