जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भारतीय जनता पार्टी के सांगानेर विधायक और पूर्व महापौर अशोक लाहोटी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर स्थानीय निकायों में हस्तक्षेप कर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया हैं।
लाहोटी ने नगर निगम जयपुर की समितियों के चेयरमैन बदलने की खबरों पर आज यहां बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस सरकार अपने घोषणापत्र एवं राज्यपाल के अभिभाषण में जहां स्थानीय निकायों को मजबूत करने का संकल्प लेती है वहीं लगातार चुनी हुई स्थानीय निकायों में बेवजह सरकारी हस्तक्षेप करके लोकतंत्र का गला घोंट रही है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय के सम्बन्ध में नगर पालिका अधिनियम 1973 तथा उसके संशोधन के बाद नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत स्थानीय निकायों का संचालन होता है।
लाहोटी ने कहा कि यदि राज्य सरकार निगम में समितियों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने का प्रयास करती हैं तो भाजपा लोकतंत्र को बचाने के लिए सरकार का विरोध करेगी तथा राज्यपाल से मिलेगी। उन्होंने कहा कि नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 में समितियों के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया गया हैं इसमें कहीं पर भी राज्य सरकार को बनी हुई समितियों को भंग कर नई समितियां बनाने का कोई अधिकार नहीं है। केवल बोर्ड ही इसका अनुमोदन कर सकता हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय में कांग्रेस के पास प्रदेश में कहीं भी बहुमत नहीं हैं तथा न ही उनके चुने हुए अध्यक्ष और महापौर हैं, इसलिए सरकार के माध्यम से स्थानीय निकायों के अधिकार एवं एक्ट का लगातार हनन एवं उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जयपुर में भाजपा के बागी विष्णु लाटा पार्षदों को बरगलाकर समितियों में चेयरमैन बनाने तथा कई तरह के प्रलोभन देकर महापौर बन गये तथा वह और कांग्रेस के कुछ नेता मिलकर नगर निगम में बन्दरबाट का खेल तथा अपनी रोटियां सेकने का काम करना चाहते है, जिसे भाजपा कभी नहीं होने देगी।