अजमेर। राजस्थान राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद फरोख्त प्रकरण में एसओजी द्वारा दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक हलके में हडकंप मच गया है।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा अजमेर जिले के ब्यावर से भरत मालानी और उदयपुर से अशोक सिंह चौहान को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों की गिरफ्तारी मोबाइल फोन पर गहलोत सरकार को गिराने को लेकर हुई बातचीत को आधार बताकर की गई है।
एसओजी की टीम ने भरत मालानी की गिरफ्तारी ब्यावर स्थित उनके आवास से की और जयपुर ले गई। अजमेर जिले के राजनीतिक हलकों में भरत मालानी की गिरफ्तारी से हड़कंप मचा हुआ है। मालानी खान व्यवसाय से जुड़े हुए सुदृढ़ आर्थिक स्थिति वाले हैं और उनके अनेक राजनेताओं के साथ सीधे संपर्क बताए जा रहे हैं।
इस बीच मालानी की गिरफ्तारी के बाद अजमेर देहात भाजपा ने उससे से किनारा कर लिया है।अजमेर जिला देहात अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कहा कि भरत मालानी वर्तमान में भाजपा में सक्रिय नहीं है।
भूतड़ा का यह बयान स्पष्ट रूप से रक्षात्मक बयान है क्योंकि बताया जा रहा है कि भरत मालानी भाजपा उद्योग प्रकोष्ठ के संयोजक रहे चुके हैं इसे संयोग ही कहा जाएगा कि देवीशंकर भूतड़ा भी पूर्व में भाजपा प्रदेश उद्योग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे हैं।
पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद फरोख्त प्रकरण में एसओजी द्वारा दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद दिए गए बयान में पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवनानी ने आज यहां कहा कि मामला अति गंभीर है और ये कांग्रेस के अंदर के शक्ति केंद्र की लड़ाई है जिसमें भाजपा को बदनाम किए जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष और न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इससे प्रकरण की सच्ची तस्वीर सामने आ सकेगी।
अपनी विफलता छिपाने के लिए भाजपा पर आरोप लगा रहे गहलोत
राजस्थान की पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी विफलता छिपाने के लिए भारतीय जनता पार्टी पर मिथ्या एवं अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
राजसमंद की विधायक माहेश्वरी ने आज कहा कि गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा पर लोकतंत्र विरोधी एवं फासिस्ट होने का आरोप लगा कर जनादेश का अपमान किया है। देश के मतदाताओं का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि गहलोत अपने विधायकों को एकजूट नहीं रख पा रहे है। राजस्थान में विकास ठप है, नौकरशाही बेलगाम है और कानून व्यवस्था चरमरा रही है। इसलिए कांग्रेस विधायकों में हताशा और अगले चुनावों में पराजय का भय व्याप्त है। इनके विधायक तो पाला बदलने को तैयार है किन्तु भाजपा की इसमें कोई रुचि नहीं है।
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