काबुल। अशरफ गनी ने सोमवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। गनी ने तकनीकी समस्याओं और धांधली के आरोपों तथा तमाम विवादों के बीच 19 फरवरी को आए परिणाम में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। उन्हाेंने काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन में दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
उधर, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और गनी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी उसी समय एक अलग समारोह आयोजित कर राष्ट्रपति पद की शपथ ली। अमरीका के शांति दूत जालमे खलीलजाद ने दोनों पक्षों से इस मुद्दे का संतोषजनक समाधान नहीं निकलने तक समारोह का आयोजन स्थगित करने की अपील की थी लेकिन किसी भी पक्ष ने उनकी अपील नहीं मानी।
अब्दुल्ला अब्दुल्ला को कबायली नेताओं का समर्थन प्राप्त है जिन्हें ‘किंग मेकर’ माना जाता है। उन्होंने चुनाव परिणामों को रद्द करने की अपील की है। आतंकवादी संगठन तालिबान ने भी शपथ ग्रहण समारोहों को लेकर असहमति से शांति प्रक्रिया पर खतरा मंडराने की आशंका जताई है।
इस वर्ष हुए राष्ट्रपति चुनाव में केवल 43 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया जिससे चुनाव की वैधानिकता पर सवाल खड़ा हो गया है। डॉ. अब्दुल्ला ने गनी पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाते हुए परिणामों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था।