कानपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कानपुर के रेलबाजार में हुई आशू यादव की हत्या के मामले में फरार चल रहे 50 हजार रुपए के इनामी दुर्दान्त अपराधी को उसकी साथी महिला हिस्ट्रीशीटर को आज गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसी साल दो जनवरी कानपुर के रेलबाजार इलाके में आशू यादव की कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अमित गुप्ता, उसकी महिला मित्र दीपिका शुक्ला एवं सचिन वर्मा व किशन वर्मा ने मिलकर कर इस सनसनी खेज हत्या काण्ड को अंजाम दिया था। घटना के बाद हत्यारोपी आशू यादव के शव को उसी के वाहन में डाल कर लावारिस हालत में बम्बा के बगल में थाना क्षेत्र बर्रा में छोड़ कर फरार हो गए थे।
उन्होंने बताया कि इस सनसनी खेज घटना का खुलासा करने के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। इस मामले में नामजद सचिन व किशन वर्मा को पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था तथा कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अमित गुप्ता व हिस्ट्रशीटर दीपिका शुक्ला फरार हो गये थे। दोनों के फरार होने पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
प्रवक्ता ने बताया कि आज एसटीएफ की टीम को सूचना प्राप्त हुई कि कुख्याता अपराधी/हिस्ट्रशीटर अमित गुप्ता अपनी महिला मित्र दीपिका गुप्ता के साथ स्कूटी पर टाटमील चौराहे से सीओडी फ्लाईओवर के नीचे से सुजातगंज की ओर जाने वाले है।
इस सूचना पर निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम स्थानीय पुलिस को साथ लेकर बताये गये स्थान पर पहुंची और दोपहर करीब साढ़े तीन बजे सीओडी फ्लाईओवर के नीचे से गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से एक पिस्टल 32 बोर मय मैग्जीन तमंचा और कुछ कारतूस, चार मोबाइल फोन, कुछ नकदी और अन्य कार्ड एवं कागजात बरामद किए।
उन्होंने बताया कि पूछताछ पर गिरफ्तार अमित गुप्ता ने जुर्म को स्वीकार करते हुए बताया कि मैं और दीपिका के पति एक साथ जेल में बन्द थे। दीपिका अपने पति से मिलने आती थी, वहीं पर उनकी जान पहचान हुई। जब वह जमानत पर छूट कर बाहर आया तो दीपिका ने उसे आशू यादव के बारे में बताया कि वह उसे बहुत परेशान करता है और उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने की बात कहता है।
जिस पर हम लोगों ने आशू को मारने का प्लान बनाया और 31 जनवरी को आशू यादव को पार्टी के बहाने मसवानपुर बुलाया और पार्टी की, जिसमें नशे की हालत में आशू यादव के गले में रस्सी का फंदा लगा कर उसकी हत्या कर दी और उसके शव के उसी की कार में बम्बा के किनारे बर्रा इलाके में छोड कर चले गए थे।
प्रवक्ता ने बताया कि कुख्यात बदमाश अमित गुप्ता एंव उसकी सहयोगी दीपिका शुक्ला काफी समय से अपराध जगत में सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि अमित गुप्ता द्वारा वर्ष 2006 में थाना कल्यानपुर क्षेत्र में डकैती डाल कर तीन लोगाें की हत्या कर दी थी, इस मामले में अमित गुप्ता को न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।
अमित गुप्ता वर्ष 2011 में न्यायायिक अभिरक्षा से फरार हो गया हो गया था। उच्च न्यायालय से वर्ष 2020 में जमानत मिलने के बाद अमित गुप्ता ने पुनः आशु यादव की हत्या कर दी थी। उसके बाद अमित गुप्ता अपनी महिला मित्र/सह अभियुक्ता दीपिका शुक्ला के साथ निरन्तर फरार चल रहा था।
उन्होंने बताया किदीपिका शुक्ला थाना शिवली कानपुर देहात की बी-क्लास मजारिया हिस्ट्रीशीटर है, जो कानपुर नगर एवं कानपुर देहात में नकली शराब के बड़े पैमाने पर बनाने और बेचने के मामले में जेल जा चुकी है, जिस पर वर्ष 2019 में थाना सचेण्डी कानपुर नगर से गैंगस्टर अधिनियम की कार्रवाई की जा चुकी है।
अमित गुप्ता एवं दीपिका शुक्ला ने फरारी के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों में अपराध करने की सूचना प्राप्त हुई है । दोनों अभियुक्तों को रेलबाजार थाने में दाखिल करा दिया। आगे की कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।