हनुमानगढ़। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हनुमानगढ़ जिले में पीलीबंगा पुलिस थाना में कार्यरत एएसआई इंदिरादेवी पोटलिया को आज एक मामले में अंतिम प्रतिवेदन (एफआर) लगाने की एवज में 10 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
ब्यूरो की श्रीगंगानगर में प्रथम और द्वितीय चौकियों के प्रभारी पुलिस उप अधीक्षकों वेदप्रकाश लखोटिया तथा भूपेंद्र सोनी द्वारा दोपहर पीलीबंगा थाना में एएसआई इंदिरादेवी पोटलिया (50) को उनके ही कमरे में परिवादी तथा सह परिवादी से रिश्वत की यह राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
ब्यूरो की टीम को यह कार्रवाई करने के लिए अधिवक्ताओं का रूप धारण करना पड़ा। टीम के दो तीन सदस्य अधिवक्ता की वेशभूषा में परिवादी तथा सहपरिवादी के साथ ही थाने में गए। इंदिरादेवी पोटलिया ने जैसे ही रकम पकड़ी, थाने के बाहर मौजूद टीम के अन्य सदस्य भी अंदर आ गए और उसे काबू कर लिया। टीम में दो महिला कर्मी भी शामिल रहीं।
ब्यूरो सूत्रों ने बताया कि पीलीबंगा थाना क्षेत्र के गांव पंडितावाली मालिक के एक शख्स के विरुद्ध लगभग एक महीना पहले छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ था। जिसकी जांच एएसआई इंदिरादेवी द्वारा की जा रही थी। परिवादी के विरुद्ध मुकदमे में एफआर लगाने के लिए उसने 10 हजार की मांग की। परिवादी ने कल इसकी शिकायत एसीबी के उच्च अधिकारियों को की।
कल ही रिश्वत मांग का सत्यापन करवाया गया, जिसमें एएसआई द्वारा 10 हजार की मांग किए जाने की पुष्टि हो गई। आज दोपहर परिवादी तथा सहपरिवादी को यह रकम अदृश्य रंग लगा कर दी गई, जिसे पकड़ते ही टीम ने उसे काबू कर लिया। हाथ धुलवाने पर अदृश्य गुलाबी रंग उतर आया। आरोपी इंदिरा देवी को शुक्रवार को श्रीगंगानगर में एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।