इस्लामाबाद। पाकिस्तान में लाहौर की एक जवाबदेही अदालत ने आशियाना आवास योजना मामले में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ को गुरुवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
शरीफ को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने 15 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और तब से कई बार उनकी हिरासत बढ़ाई जा चुकी है। पिछली बार 28 नवंबर को उनकी हिरासत बढ़ाई गई थी। उनकी आठ दिन की हिरासत अवधि आज समाप्त होने के बाद उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां एनएबी ने उनकी हिरासत को और बढ़ाने की मांग की। अदालत ने एनएबी की हिरासत की मांग को रद्द कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब उनकी अगली पेशी 13 दिसंबर को होगी।
शरीफ के वकील अमजद परवेज ने बताया कि उनके मुवक्किल के 2011 से 2017 तक के वित्तीय लेन-देन कर रिटर्न के रिकॉर्ड में स्पष्ट कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कर कानून में तहत नागिरकों को मिले उपहारों का ब्योरा देने की जरूरत नहीं होती।
उन्होंने कहा शरीफ ने अपने निजी खाते से पैसे निकाले जो कि पाकिस्तानी कानून के तहत अपराध नहीं है। उन्होंने दलील दी कि इसका कोई सबूत नहीं है कि शरीफ ने अपनी आय से अधिक कोई खर्च किया हो।
परवेज ने कहा कि अगर शहबाज अपने आयकर रिटर्न से अधिक खर्च करते तो अपराध होता। उन्होंने अदालत से एनएबी की हिरासत बढ़ाने की मांग को रद्द करने की अपील की। उन्होंने कहा कि शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में इसलिए आरोपित बनाया गया है क्योंकि वह राजनेता एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री हैं।
एनएबी के अभियोजक वारिस अली जंजुआ ने अदालत को जांच की प्रगति से अवगत कराया और 15 दिन रिमांड बढ़ाने की मांग की। ब्यूरो के अनुसार शरीफ ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान अपने पद एवं शक्तियों का दुरूपयोग किया था।