नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर असम से दिल्ली लाई गई लड़की को यहां छुड़ाने में कामयाबी हासिल की है। दक्षिण पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिश्वाल ने आज यहां बताया कि वाहन चोरी निरोधक दस्ते (एएटीएस) ने असम से 2012 में लाई गई लड़की को बरामद किया है। उस समय लड़की की उम्र 16 साल थी।
दलालों ने यहां लाकर लड़की बेच दी जिससे दिल्ली और पंजाब के लुधियाना में जबरन घरेलू काम करवाया गया। इस मामले में न्यू फ्रेंड्स कालोनी थाने में 2014 में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था और लड़की की सूचना देने वालों के लिए 50 हजार रुपए इनाम की घोषणा की गई थी।
बिश्वाल ने बताया कि लड़की की मां ने जनवरी 2014 में यहां बचपन बचाओ आंदोलन एनजीओ से संपर्क की जिसने बताया कि उनकी लड़की को 2012 में असम से अगवा कर लिया गया था।
पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन के संयुक्त प्रयास से लड़की के बारे मेें जानकारी एकत्र करने की कोशिश की गई और अंतत: पुलिस ने शालीमार बाग में छापा मारकर लड़की को बरामद किया।
पुलिस पूछताछ में लड़की ने बताया कि उसका पड़ोसी दीपक ने काम दिलाने के नाम पर 2012 में अपने साथ दिल्ली ले आया। यहां पर दीपक ने उसकी मुलाकात जैकब दीप से करवाई जो एक प्लेसमेंट एजेंसी चलाता है। यहां से उसे लुधियाना ले जाया गया जहां वह दो साल घरेलू नौकरानी के रूप में काम की और वेतन दीपक लेता रहा।
लड़की ने बताया कि 2013 में दीपक और जैकब लुधियाना से उसे दिल्ली ले आया। यहां तैमूर नगर में जैकब के दफ्तर में उसकी अपने पिता मंगल मुंडा से हुई।
दोनों ने घर जाने की इच्छा जताई लेकिन दीपक ने पैसे देने से इन्कार कर दिया और कहा कि उदय पार्क में कुछ दिन और काम करे तब उसे पैसे मिलेेंगे लेकिन फिर भी पैसे नहीं दिए। उसके बाद लड़की उदय पार्क से फरार हो गई लेकिन दीपक और जैकब ने उसके पिता को बंधक बना लिया था। पुलिस दीपक को तलाश कर रही है।