गुवाहाटी। पूर्वी असम के शिवसागर जिले में एक बुजुर्ग दंपती की कथित आत्महत्या के आज दूसरे दिन बेटी ने माता-पिता के इस अतिवादी कदम के लिए भाई को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
पेटिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार प्राप्त करने वाले रमानी खारघोरिया ने अपनी पत्नी के साथ कल आत्महत्या कर ली। उन्होंने मृत्यु से पहले लिखे अपने कई पन्नों के पत्र में आरोप लगाया कि ओएनजीसी में अधिकारी उनके बेटे देवाशीष ने उनसे सभी संबंध खत्म कर लिए और उनकी माली हालत बेहद खराब हो गई थी। दो वक्त की रोटी जुटाना कठिन हो गया था।
खारघोरिया ने पत्र में यह भी लिखा है कि तीन लड़कियों के बाद होने वाले अपने बेटे को ओएनजीसी में नौकरी दिलाने के लिए अपनी जमीन -जायदाद बेच दी। लेकिन अब जब वे बूढ़े और नि:सहाय हो गए तो बेटा और बहू ने उनका ख्याल रखने से मना कर दिया। उनकी बहू स्कूल में पढ़ाती है।
देवाशीष की तीन बहनों में से सबसे छोटी मोनिका ने शिवनगर पुलिस थाना में भाई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद कहा कि मैं अपने माता-पिता को न्याया दिलवाना चाहती हूं। वे देवाशीष को बेहद प्यार करते थे लेकिन आज उनका बेटा ही उनकी मौत का करण बना। स्थानीय लोगों के अनुसार देवाशीष माता-पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं आया।
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने दंपती की आत्महत्या की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समाज में नैतिक मूल्यों की तेजी से गिरावट आ रही है। सरकार समाज में नैतिकता काे बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही है।
राज्य सरकार ने एक नया कानून बनाया है जिसके तहत माता-पिता का खयाल नहीं रखने वाले सरकारी कर्मचारियों का वेतन का एक हिस्सा सीधे माता-पिता के बैंक अकाउंट में पहुंचेगा। हालांकि देवाशीष के ओएनजीसी में काम करने के कारण यह नियम उस पर लागू नहीं हो सकेगा।