नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के चुनाव आठ फरवरी को एक चरण में होंगे और नतीजे 11 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए बताया कि 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 14 जनवरी को जारी की जायेगी और नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 21 जनवरी है जबकि नामाकन पत्रों की जांच 22 जनवरी होगी। चौबीस जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
मतदान आठ फरवरी को होगा और मतों की गिनती 11 फरवरी मंगलवार को की जाएगी। विधानसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया 13 फरवरी को समाप्त हो जाएगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही दिल्ली में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
अरोड़ा ने एक प्रश्न के उत्तर में अरोड़ा ने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू करने की जिम्मेदारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी की है। चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद दिल्ली के लिए विशेष योजनाओं का एलान नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस बार चुनाव में एक करोड़ 46 लाख 136 सामान्य मतदाता वोट का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके अलावा 11 हजार 556 सैनिक मतदाता हैं। इस तरह कुल मतदाताओं की संख्या एक करोड 47 लाख 3692 होगी।
कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाता 80 लाख 55 हजार 686 और महिला मतदान 66 लाख 35 हजार 635 हैं। किन्नर मतदाताओं की संख्या 815 है। नए मतदाताओं की संख्या दो लाख आठ हजार 883 है।
पश्चिम दिल्ली की मटियाला विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक चार लाख नौ हजार 935 और सबसे कम चांदनी चौक विधानसभा में एक लाख 25 हजार 172 मतदाता हैं। दिल्ली के सभी मतदाताओं के फोटो पहचान पत्र बन गए हैं। मतदान केंद्रों की संख्या 13 हजार 750 होगी जो पिछले चुनाव की तुलना 16.89 प्रतिशत अधिक है।
अरोड़ा ने बताया कि झारखंड चुनाव की तरह दिल्ली विधानसभा के चुनाव में 80 साल और उससे अधिक आयु तथा दिव्यांग मतदाताओं के लिए सेना की तरह पोस्टल बैलेट की सुविधा पहली बार दी गई है। इसके लिए उन्हें विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पांच दिन के भीतर आवेदन करना होगा। चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि हाल में संपन्न झारखंड विधानसभा चुनाव के सात विधानसभा क्षेत्रों में इस तरह की सुविधा प्रायोगिक स्तर पर पहली बार की गई थी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 55 हजार 823 दिव्यांग मतदाता हैं जिनको मतदान के दिन चुनाव अधिकारी और जिला चुनाव अधिकारी द्वारा नियुक्त कार्यकर्ता सहायता प्रदान करेंगे।
अरोड़ा ने बताया कि चुनाव में 33 हजार 600 बैलेट यूनिट (बीयू) और 18200 कंट्रोल यूनिट(सीयू) का इस्तेमाल किया जायेगा और कुल वीवीपैट की संख्या 20 हजार 600 होगी।
चुनाव के सफल और पारदर्शी प्रबंधन के लिए 90 हजार कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
उम्मीदवार को चुनाव प्रचार के लिए 15 दिन का समय मिलेगा। यह पूछे जाने पर कि चुनाव में राजनीतिक दलों और नेताओं के भड़काऊ भाषण अथवा धर्म और जाति के इस्तेमाल को रोकने के लिए आयोग क्या कदम उठाएगा, अरोड़ा ने कहा कि आदर्श आचार चुनाव संहिता के तहत जो भी संभव कदम उठाएगा।
उन्होंने कहा कि आदर्श आचार चुनाव संहिता स्वयं राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के साथ बैठक कर तय की है। आयोग ने इसे नहीं बनाया है, इसलिए पालन करने की जिम्मेदारी सभी संंबंधित पक्षों की है। चुनाव बॉण्ड के बारे में अरोड़ा ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है, इसलिए इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता।