जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा है कि कांग्रेस सरकार को राज्य में प्रमुख समस्याओं पर चर्चा से बचने के लिए विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करके सदन से भागने की जल्दी थी।
पूनियां ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि बहाना तो कोरोना की चर्चा का था, लेकिन आधी-अधूरी चर्चा हुई, क्योंकि इस सरकार को प्रदेश की जनता एवं विकास कार्याें की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि आज कोरोना की स्थिति यह है कि संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है और सरकार सिर्फ आंकड़ों में उलझी हुई है।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सदन में आनन-फानन में बिल लाए गए, हमने इसका सदन में विरोध किया। बिजली के बिलों के कारण कांग्रेस विधानसभा में बिल ला रही है, लेकिन असली पीड़ा बिजली के बिलों के कारण राजस्थान की जनता एवं किसान भुगत रहे हैं। इस पर चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन उस चर्चा की इजाजत नहीं मिली और हमें सुबह से लग ही रहा था कि सरकार आनन-फानन में बिल पारित करके इस सदन को स्थगित करने की फिराक में हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जोशी द्वारा उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को सदन से बाहर निकाले जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में डाॅ. पूनियां ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से पूर्वाग्रह से ग्रसित है, सवालों के जवाब भी नहीं है और इस तरह का गलत आचरण करके सरकार गलत परम्पराओं को डाल रही है।
कांग्रेस के नये अध्यक्ष को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में डाॅ. पूनियां ने कहा कि लोकतंत्र की बात करने वाली कांग्रेस को इतने वर्षों तक गैर-गांधी अध्यक्ष नहीं मिला है। यह सच है कि कांग्रेस दिशाहीन, मुद्दा विहीन और नेता विहीन हो गई है। उन्होंने ट्वीट करके कांग्रेस पर निशाना साधा कि, आओं गांधी-गांधी खेलें, अध्यक्ष-अध्यक्ष खेलें। चिट्ठी-चिट्ठी खेलें, मां-बेटा-बेटी खेलें, गांधी परिवार कांग्रेस के लिए मजबूरी है या जरूरी है?