नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संयुक्त महामंत्री दत्तात्रेय होसबोले ले शुक्रवार को कहा कि उनके संगठन का आकलन सुनी सुनाई बातों पर नहीं बल्कि उसके कार्य के आधार पर किया जाना चाहिए।
होसबोले ने यहां आरएसएस के कामकाज को लेकर लिखी गयी पुस्तक आरएसएस – बिल्डिंग थ्रो सेवा के विमोचन समारोह में कहा कि लोगों को संघ का आकलन इधर उधर की बातों पर नहीं करना चाहिए। संघ के कामकाज की दुनिया में चर्चा हो रही है और उसके कामकाज पर शोध किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संघ के कार्यकर्ता पूरे देश में जाति और धर्म का भेदभाव किए बिना समाज सेवा करते हैं। संघ समाज में बदलाव के लिए कार्य करता है। भौतिक चीजों को प्राप्त करने के लिए नहीं। पूरे देश में एक लाख 74 हजार सेवा कार्य किया जा रहा है। प्राकृतिक आपदा के समय स्वयं सेवक समाज के दूसरे लोगों के साथ मिलकर काम करते हैं।
होसबोले ने कहा कि प्रयाग में कुंभ के दौरान संघ की ओर से ‘नेत्र कुंभ’ का आयोजन किया गया था जिसमें एक लाख 45 हजार लोगों के आंख की जांच की गई और उन्हें चश्मा दिया गया। इसके लिए अस्पतालों और चिकित्सकों की मदद ली गई।
उन्होंने कहा कि संघ किसी को विरोधी नहीं मानता लेकिन देश के अंदर या बाहर का शत्रु जरुर दुश्मन है। संघ सारे विश्व को परिवार मानता है तो ऐसे में कोई दुश्मन कैसे हो सकता है।
उन्होंने आजादी की लड़ाई में संघ के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि 1920 में कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में हेगड़ेवार ने पूर्ण स्वराज और पूंजीवाद से मुक्ति को लेकर एक प्रस्ताव रखा था लेकिन यह पारित नहीं हो सका। बाद में पूर्ण स्वराज्य का नारा दिया गया।