शिमला। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में गत 48 घंटों में आफत बन कर आई भारी बारिश ने पांच बच्चों समेत कम से कम 16 लोगों की जान ने ली है और कई अन्य लापता हैं।
बारिश के कारण जहां सरकारी और निजी सम्पत्तियों, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों, सम्पर्क सड़कों और रास्तों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है वहीं स्थानीय जनजीवन भी बुरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। राज्य में अगले दिनों में बारिश से राहत मिलने के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं।
राज्य के मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य में बारिश और प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति की समीक्षा करते हुये बताया कि राज्य में इनके कारण कम से कम 16 लोगों के मारे जाने की सूचना है।
उन्होंने बताया कि सोलन में दस, मंडी और हमीरपुर में दो-दो तथा ऊना और बिलासपुर में एक-एक मौत हुई है। मौसम खराब होने के चलते राज्य में कल भी सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इस बीच राज्य सरकार ने भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ तथा नदियों और नालों के उफान पर होने के मद्देनजर राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटकों को न आने की सलाह दी है। पुलिस अधीक्षक(कानून व्यवस्था) कुशल चंद ने बताया कि पर्यटक राज्य में मौसम खराब होने के मद्देनजर अपना यात्रा फिलहाल स्थगित करें।
राज्य के सोलन जिले के कंडाघाट उपमंडल के हिन्नेर पंचायत के चकला गांव आज तड़के लगभग तीन बजे भूस्खलन के कारण मकान की दीवार ढहने से एक ही परिवार के दो बच्चों समेत चार लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई। मृतकों की शिनाख्त देवेंद्र कुमार, उसकी पत्नी मीना देवी, बेटा आदित्य और बेटी हर्षिता की मौत हो गई। घटना के समय परिवार घर में सोया हुआ था।
जिले में एक अन्य घटना में परवाणु में जाबली ग्राम पंचायत अंतर्गत रानी गांव के निकट एक बरसाती नाला पार कर रहा एक छात्र हिमांशु बह गया। जिला प्रशासन और ग्रामीण छात्र की खोज में जुटे हुये हैं। अर्की ग्राम पंचायत अंतर्गत सूरजपुर में एक उफनते नाले में एक बच्चे के बह जाने की सूचना है।
धर्मपुर उपमंडल के तांडु गांव में भूस्खलन के कारण एक मकान के ढहने से इसके नीचे दब कर एक महिला की मौत हो गई। बरोटीवाला औद्योगिक कस्बे में गत रविवार शाम एक फैक्टरी की दीवार गिरने से इससे सटी झुग्गी में रह रहे एक प्रवासी मजदूर परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। इनकी शिनाख्त राजू(32), शारदा(24) और राहुल(चार) के रूप में की गई है।
राहुल ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि गम्भीर रूप से घायल उसके माता-पिता को पहले बद्दी सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया। बाद में इन्होंने पीजीआई अस्ताल में ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बद्दी के तहसीलदार मुकेश शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन ने मृतकों के आश्रितों के लिये 20 हजार रूपये की तत्काल सहायता की घोषणा की है।
हमीरपुर जिले के भाेरंज की जरलोग पंचायत अंतर्गत एक गांव में भूस्खलन होने से एक महिला और उसकी पोती की मलबे के नीचे दब कर मौत हो गई। इनकी शिनाख्त क्रमश: लाजो देवी और तनु के रूप में की गई है।
ऊना जिले में एक कार के सड़क से फिसल कर गहरी खाई में गिरने से इसमें सवार एक बच्ची की मौत हो गई तथा परिवार के कुछ अन्य सदस्य घायल हो गए। यह परिवार पंजाब के कपूरथला का रहने वाला है तथा माता चिंतपूर्णी के दर्शन कर लौट रहा था।
कुल्लू जिले के मणिकर्ण के निकट कोटलागा गांव में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में तीन घर बह गये हैं और इन घरों में रहने वाले तीन परिवारों के सदस्यों का कोई अता पता नहीं है। मंडी जिले के बाल्ह उपमंडल में एक नाले से एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया। समझा जाता है कि नाले में डूबने के कारण इसकी मौत हुई है। मंडी के पंडोह बांध में एक जीप गिरने के बाद से इसका चालक लापता है जिसकी तलाश की जा रही है।
बिलासपुर जिले के ददगां गांव में एक मकान के ढहने से ठाकुर दास नाम व्यक्ति की मौत हो गई तथा उसकी पत्नी श्रुति देवी और पुत्र गौरव गम्भीर रूप से घायल हो गए। इनका अस्पताल में ईलाज चल रहा है।
इस बीच, ऐतिहासिक कालका-शिमला रेल मार्ग पर कोटी और शिमला के बीच अनेक जगहों पर भूस्खलन होने के कारण इस पर रेल लाईन पर रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया गया है। बारिश के कारण चैल और कंडाघाट पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए निर्माणाधीन साधुपुर पुल की दीवार भी धंसने से इस परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है।
राज्य के किन्नौर जिले में बादल फटने के कारण आई बाढ़ में रिस्पा गांव में बड़ी तबाही हुई है वहीं चेरांग नाले में पानी के तेज बहाव के कारण गांव को जोड़ने वाला एक पुल और जनस्वास्थय विभाग पेयजल सुविधाएं बह गई हैं।
जिला प्रशासन ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि भूस्खलन के कारण भारत-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच) का काजा-चांगो-किन्नौर भी मालिंग नाला के निकट अवरूद्ध होने के अलावा इसी मार्ग पर स्थित भारत-चीन सीमा का अंतिम गांव करछम का शेष भारत से सम्पर्क टूट गया है। इसी जिले के त्रांडा, सांगला, चरूआ-छोटा खम्बा और टापरी-जानी सम्पर्क मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद हैं।
भारी बारिश और इसके कारण सड़कों और रास्तों को हुए नुकसान के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में अनेक यात्री और पर्यटक फंसे हुए हैं। किन्नौर जिले में ही सांगला घाटी के निकट सांगला-करछम मार्ग रूतुरंग में भूस्खलन होने के कारण अवरूद्ध हो गया है जिससे वहां लगभग 15 वाहनों में लगभग 100 यात्रियों और पर्यटकों के फंसे होने की सूचना है। पहाड़ों के अभी भी बड़े पत्थर और मलबा गिर रहा है जिससे इस मार्ग के कल तक भी खुलने के आसार नहीं हैं।
मंडी में भूस्खलन के कारण चंडीगढ़ मनाली एनएच का मनाली-पठानकोट खंड, पठानकोट-चम्बा और नाहन-सांगरा एनएच भी अवरूद्ध हैं। सोलन जिले से गुजरने वाले कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग तथा अन्य मार्गों पर अनेक जगह भूस्खलन होने के समाचार हैं जिसके कारण इन मार्गों से गुजरने वाले वाहनों की लम्बी कतारें लगी हुई हैं। बारिश के कारण राज्य विभिन्न क्षेत्रों में जनस्वास्थय विभाग की अनेक जलापूर्ति परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है जिसके कारण पेयजलापूर्ति प्रभावित हुई है।
शिमला के पूर्व महापौर संजय चौहान ने बताया कि बेयोलिया-मेहली सड़क मार्ग पर आज हुए भूस्खलन के कारण कुछ वाहन मलबे में दब गए। सड़क पर मलबा गिरने के कारण इस मार्ग पर यातायात भी अवरूद्ध हो गया है।