देनपसार। इंडाेनेशिया में लोम्बाेक द्वीप पर रविवार को आए 7.0 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 82 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए हैं।
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय अापदा निवारण एजेंसी ने सोमवार को कहा कि भूकंप में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है इससे पहले रविवार को यह आंकड़ा 32 था। लोम्बाेक द्वीप के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से में बहुत से लोगों की मौत हो चुकी है। एजेंसी के अनुसार ज्यादातर मौत मलवा गिरने की वजह से हुई। भूकंप में सैंकड़ों घायल हो गए और हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए।
सोमवार का जारी बयान में कहा गया कि रात में कुछ समुदायों से हमारी संपर्क लाइनें कट गई थी। मृतकों की संख्या अभी और भी बढ़ोतरी होने की आशंका है।
लोम्बोक में भूकंप के तेज झटकों से यहां मौजूद पर्यटकों और निवासियों में भय का माहौल पैदा हो गया। हजारों लोगों ने अपने घरों से बाहर निकल कर खुले में शरण ली। बाली में भी कई सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए और लोगों ने घरों, होटलों और रेस्तरां इत्यादि से बाहर निकल भागे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार लोम्बोक में भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। स्थानीय मीडिया के अनुसार लोम्बोक के ज्यादातर क्षेत्रों में भूकंप के बाद बिजली गुल हो गई थी। लोम्बोक और उसके पड़ोसी द्वीप बाली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की इमारत को भी भूकंप के मामूली क्षति पहुंची लेकिन उड़ानों सेवाओं का परिचालन जारी रहा।
भूंकप के समय सिंगापुर के गृह मंत्री के शनमुगम लोम्बोक में मौजूद थे। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि होटल की दसवीं मंजिल जोरों से हिलने लगी और इसकी दीवारों में दरारें आ गई।
उन्होंने लिखा कि भूकंप के समय खड़ा हो पाना लगभग असंभव था। किसी तरह बाहर निकलकर सीढ़ियों से नीचे उतरा। इमारत अभी भी हिल रही थी। थोड़े समय के लिए बिजली भी गुल हो गयी। दीवारों में बहुत सी दरारें आ गई और दरवाजे गिर गए।
अापदा निवारण एजेंसी ने भूकंप के बाद सूनामी की चेतावनी जारी की थी और लोगों से समुद्र से दूर रहने की अपील की था लेकिन सूनामी को चेतावनी को बाद में वापस ले लिया गया। लोम्बोक में एक सप्ताह पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी।