नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत अनेक नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया है एवं देश ने एक महान सपूत खो दिया है।
कोविंद ने अपने शोक संदेश में कहा कि भारतीय राजनीति की महान विभूति अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान से मुझे गहरा दुख हुआ है। उनका विलक्षण नेतृत्व, दूरदर्शिता तथा अद्भुत भाषण शैली उन्हें एक विशाल व्यक्तित्व प्रदान करते थे। उनका विराट एवं स्नेहिल व्यक्तित्व हमारी स्मृतियों में बसा रहेगा।
नायडू ने वाजपेयी को अजातशत्रु बताते हुए कहा कि वह हमारी पीढ़ी के प्ररेणास्रोत रहे और देश के असंख्य नागरिकों के साथ प्रेरक गुरु का अभाव मैं स्वयं महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि राजनीति के ‘अजातशत्रु’ के निधन बाद राजनीति का स्वर्णिम अध्याय समाप्त हो गया है।
मोदी ने भावपूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।
उन्होंने वाजपेयी की ही कविता की कुछ पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि वह हमें कहकर गए हैं- “मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं, मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?” प्रधानमंत्री ने लिखा कि अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत ने एक महान सपूत खो दिया है और इसके साथ ही एक युग का अंत हो गया है। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष में एक तर्कसंगत आलोचक और प्रधानमंत्री के रूप में सबकी सहमति प्राप्त करने वाले नेता रहेे। वाजपेयी सही अर्थों में लोकतांत्रिक व्यक्ति थे।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वाजपेयी को लंबे समय तक याद किया जाएगा, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया। वह एक प्रखर वक्ता, असाधारण सांसद, महान प्रधानमंत्री और देश के शिखर नेताओं में से एक थे।
वाजपेयी के पूरे सार्वजनिक जीवन के दौरान अभिन्न सहयोगी एवं घनिष्ठ मित्र रहे आडवाणी ने अपने संदेश में कहा कि मेरे पास अपना गहरा दुख और शोक व्यक्त करने के लिए आज शब्द नहीं हैं। देश के सबसे कद्दावर राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर हम सभी शाेकाकुल हैं। मेरे लिए अटल जी मेरे वरिष्ठ सहयोगी से अधिक थे और वास्तव में वह 65 साल से अधिक समय तक मेरे घनिष्ठतम मित्र रहे।
शाह ने कहा कि अटल जी की छवि इस देश के एक ऐसे जनप्रिय राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरी, जिसने सत्ता को सेवा का माध्यम माना और राष्ट्र हितों से समझौता किए बगैर बेदाग राजनीतिक जीवन जिया। यही वजह रही कि देश की जनता ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक सीमाओं से बाहर जाकर उन्हें प्यार और सम्मान दिया।
जहां एक तरफ वाजपेयी ने विपक्ष के रूप में जन्मी पार्टी के संस्थापक और सर्वोच्च नेता के तौर पर संसद और देश में एक आदर्श विपक्ष की भूमिका निभाई वहीं प्रधानमंत्री की भूमिका में राष्ट्र को एक निर्णायक नेतृत्व भी प्रदान किया। अटल जी ने अपने विचारों और सिद्धांतों से भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी है।
गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने आज एक महान सपूत खो दिया। वाजपेयी का लाखों लोग सम्मान करते थे। हमें उनकी बहुत याद आएगी।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें सभी दलों में समान रूप से स्वीकार्य महान राजनेता करार दिया है।
सिंह ने अपने शोक संदेश में कहा कि वाजपेयी के निधन से हुई पीड़ा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने ऐसे विकसित और ताकतवर भारत का सपना देखा था जिसमें सभी लोग मिलकर शांति और सद्भाव से रहें। उनके विचारों का भारतीय राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ा। समूचा देश अटलजी के जीवन से हमेशा प्रेरणा लेता रहेगा।
जम्मू- कश्मीर के राज्यपाल एन एन वाेहरा ने वाजपेयी को निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उनके साथ कुछ समय के लिए काम करने का अवसर मिला। राज्यपाल ने उन्हें एक कुशाग्र बुद्धि वाला दूरदर्शी नेता बताया और कहा कि उनकी सोच मानवता को प्रभावित करती रहेगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाजपेयी के निधन पर शोक जताया है। बनर्जी ने ट्वीट किया कि बहुत दुखी हूं कि महान राजनेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन हमारे राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं उनसे जुड़ी यादों को हमेशा संजोकर रखूंगी। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक जताया है। श्री पर्रिकर ने ट्वीट किया कि हमारे प्यारे अटली जी के निधन से बेहद आहत हूं। भारत ने एक महान नेता खो दिया है। वह जनता के एक ऐसे दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने देश और उसके लोगों की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके जैसा कोई और नहीं हो सकता। चौहान ने कहा कि वाजपेयी भारत के स्मृति पटल पर हमेशा अटल रहेंगे। भारत को उन पर गर्व है। उनके देहावसान से भारतीय राजनीति के अत्यंत उज्ज्वल युग का समापन हो गया है।
मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वाजपेयी के निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्हें देश को विश्व स्तर पर सम्मान दिलाने तथा संयुक्त राष्ट्र में विरोधी देशों के मुकाबले अपने देश का पक्ष मजबूती से रखने के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
डॉ सिंह ने यहां जारी शोक सन्देश में वाजपेयी को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अटल जी को मैं किन शब्दों में विदा करूं, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा। वे मेरे गुरू और पिता तुल्य थे। उनके निधन से 125 करोड़ भारतीयों की तरह मैं भी बहुत स्तब्ध और विचलित हूं।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा शिअद के अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर आज गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा वाजपेयी को शांति, सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में याद करेगा।
बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने वाजपेयी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुये कहा कि भारतीय राजनीति के अजातशत्रु नहीं रहे। मलिक ने शोक संदेश में कहा कि उनकी विद्वता तथा कवित्वपूर्ण भाषण-शैली में अद्भुत और अद्वितीय सम्मोहन क्षमता थी। उन्होंने कहा कि चार दशकों से भी अधिक समय तक भारतीय राजनीति के प्रकाश पुंज बने रहने वाले वाजपेयी कई युगों तक भारतीय जन-मानस के हृृदय सम्राट बने रहेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वाजपेयी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। कुमार ने शोक संदेश में कहा कि वाजपेयी के रूप में देश ने सबसे बड़ी राजनीतिक शख्सियत के साथ ही प्रखर वक्ता, कवि, लेखक, चिंतक, विचारक और करिश्माई व्यक्तित्व खो दिया है। उन्होंने उच्च राजनीतिक मूल्यों एवं आदर्शों की बदौलत सार्वजनिक जीवन में शिखर को प्राप्त किया।
उन्हाेंने अपने व्यक्तित्व की बदौलत राजनीतिक सीमाओं के परे सभी विचारधारा के दलों का आदर एवं सम्मान प्राप्त किया। उनमें सभी विचारधारा के लोगों को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। उन्होंने अपने जीवन में लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि रखा।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए शाेक संदेश में कहा कि मैं हमारे देश के पिता तुल्य पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से बहुत दुखी हूं। उनके निधन से हम सभी को भारी नुकसान हुआ है। वह एक सच्चे राजनेता थे जिन्होंने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर मानवता, न्याय और शांति के लिए काम किया।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि वाजपेयी का निधन उनके लिए व्यक्तिगत रूप से बड़ी क्षति है। वह एक महान जननायक, कवि, लेखक और वक्ता थे और उनका स्नेह जीवन भर उन पर बना रहा।
लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें देश का महान नेता बताया है। यादव ने शोक संदेश में कहा कि वह एक महान राजनेता के अलावा कवि और लेखक थे तथा उनका व्यक्तित्व विश्वास से भरा था। उन्होंने कहा कि उन्होंने वाजपेयी जी की सरकार में मंत्री के रुप में कार्य किया था और वह उन्हें बेहद स्नेह देते थे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए शोक संदेश में कहा कि यद्यपि हमने राजनीतिक और वैचारिक मुद्दों पर एक दूसरे का जोरदार विरोध किया, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी जी का अच्छा स्वभाव, उनकी शालीनता और सभी राजनीतिक नेताओं से जुड़ने की उनकी इच्छा हमेशा उन्हें अलग करती थी।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने वाजपेयी को आदर्श नेता और सच्चा हितैषी बताते हुए कहा कि भारतीय राजनीति के महानायक के निधन से एक युग का अंत हो गया। नाईक ने यहां जारी शोक संदेश में कहा कि 21वीं सदी के भारतीय राजनीति के महानायक हमें छोड़ गए। मेरा आदर्श नेता, सच्चा हितैषी मैंने खोया। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अटल बिहारी वाजपेयी एक सर्वमान्य और लोकप्रिय नेता थे। सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी उनमें।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानने वाले राजनीति के पुरोधा जैसा उनका विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है। योगी ने यहां शोक संदेश में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। वाजपेयी जी भारतीय राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को प्राथमिकता देने वाले, स्वतंत्र भारत के ढांचागत विकास के दूरदृष्टा थे। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटल जी जैसा विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मैं बहुत दुखी हूं। भारत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया और पूर्व प्रधानमंत्री को भारतीय राजनीति का भीष्म बताते हुए कहा कि देश ने एक महान नेता खो दिया है और उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुयी है।
वाईएसआर कांग्रेस के नेता वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने भी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि कवि मन वाले वाजपेयी के सार्वजनिक जीवन में योगदान को हमेशा ही याद किया जाता रहेगा। वाजपेयी ने पार्टी और सरकार मे रहते हुए दोनों ही स्तर पर अनेक मौकों पर पार्टी हित से ऊपर उठ कर समाज और देश की भलाई के लिए काम करने का प्रयास किया।
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि एक महान जीवन का अंत, लेकिन एक प्रेरणा जो सदा जीवित रहेगी। अटल जी को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि!
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस, राज्यपाल विद्यासागर राव, शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, फिल्म उद्योग के वरिष्ठ कलाकार विक्रम गोखले ने वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया। फडनवीस ने कहा कि शांतिप्रिय वाजपेयी से हम लोगों ने राजनीति का ककहरा सीखा और आज उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है।
राव ने कहा कि वाजपेयी के नेतृत्व में वह मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा वाजपेयी की विलक्षण नेतृत्व और दूरदर्शिता तथा उनके भाषण शैली की शालीनता उन्हें औरों से अलग करती थी और वह हम सबके प्रेरणास्रोत थे।
उद्धव ने अपनी प्रतिक्रिया में वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा वाजपेयी निष्कलंक और निष्कपट राजनीतिज्ञ थे और उनमें सबको साथ ले कर चलने की अद्भुत क्षमता थी, ऐसे महान राजनीति के भीष्म पितामह को वह भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं।
वाजपेयी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को, सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा