Sabguru News नमस्कार दोस्तों आज हमारे पूर्व प्रधान मंत्री बिहारी वाजपेई पुण्य तिथि है। आपको बता दें वे लंबे समय से एक बीमारी से ग्रसित से थे और यह बीमारी उन्हें इस कदर लगी कि उनके पूरे शरीर में संक्रमण फैल गया। अंत में यही बीमारी उनके लिए जानलेवा बनी। हालांकि अटल बिहारी वाजपेई की उम्र भी काफी अधिक हो चुकी थी। वह 93 साल के थे और उनकी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई थी इसके चलते उनका निधन हो गया।
यह बात बहुत तेज गति से फैल चुकी है की इसके चलते हैं उनका निधन हो गया, लेकिन अगर बात करें उनकी बीमारी की तो इस बारे में अभी तक सब लोग जानते नहीं हैं। आखिर उन्हें किस प्रकार की बीमारी थी, उसमें क्या होता है?
क्या यह बीमारी आपको भी हो सकती है या आपके किसी परिजन को?
जी हां बिल्कुल यह बीमारी आपको या आपके परिजन को भी हो सकती हैं और यह भी हो सकता है इस बीमारी से पहले से ही आप या आपके परिजन ग्रसित हों, लेकिन आपको पता ना हो क्योंकि यह बीमारी है ही इस तरह की आखिर यह बीमारी है क्या अधिक जानकारी के लिए आप वीडियो भी देख सकते हैं यदि आपको इस खबर में वीडियो नहीं दिख रहा है तो आप हमारे YouTube चैनल Sabguru News पर जाकर भी इस वीडियो को देख सकते हैं जिसमें आपको इसकी काफी जानकारी मिलेगी तो तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे:-
अटल बिहारी वाजपेई को डिमेंशिया नाम से एक बीमारी थी जिसमें इस बीमारी से मस्तिष्क पर काफी गहरा असर होता है और सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है तथा धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। यह बीमारी अधिकतर उम्र बढ़ने के समय होती है ,लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि यह उम्र बढ़ने के साथ ही हो। आम इंसानों में यह कम उम्र के लोगों में भी यह बीमारी हो सकती है।
डिमेंशिया के लक्षण:-
1. इस बीमारी में रोगी को कुछ भी याद नहीं रहता यहां तक की अपने आसपास के लोगों को पहचानने में भी दिक्कत होती है।
2. बातचीत करने में भी दिक्कत होती है आखिर आपको क्या बोलना है और क्या नहीं यह सोचने समझने की क्षमता भी खत्म हो जाती है।
3 खाने पीने में भी दिक्कत आने लग जाती है भूख का पता नहीं लगता कई बार लगता है खाना खा रखा है लेकिन आप भूखे होते हैं और कई बार ऐसा भी होता है कि आपने खाना खा रखा होता है लेकिन आपको लगता है कि आपने कुछ खाया ही नहीं इस तरह के लक्षण ज्यादातर उम्र सुदा लोगों में पाए जाते हैं।
4. हाथ पांव में दर्द होने लगता है और धीरे-धीरे चलने फिरने में तकलीफ होने लगती है और अंत में आपका चलना फिरना बिल्कुल बंद हो जाता है अटल बिहारी वाजपेई के साथ भी ऐसा ही हुआ था 2009 के बाद से वह व्हीलचेयर पर ही थे।
5. सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है और धीरे-धीरे खत्म हो जाती है आप यह तक नहीं समझ पाते कि आपके हाथ में अगर कोई कागज है या कोई कपड़ा है तो वह किस रंग का है और किस रंग का नहीं।
इस बीमारी का क्या उपचार है?
आप सबके मन में यही सवाल उठ रहा होगा किस बीमारी का कोई उपचार है या नहीं, हालांकि भारत में अभी इस बीमारी का पूरी तरीके से उपचार नहीं है क्योंकि जब यह बीमारी अधिक बढ़ जाती है तो आपके पूरे शरीर को संक्रमित कर देती है। इस बीमारी का अधिक बढ़ने का कारण यह होता है कि ज्यादातर लोगों को इस बीमारी का पता ही नहीं लगता।अधिकतर लोग सोचते हैं कि यह बीमारी या इस तरह के लक्षण उम्र बढ़ने की वजह से हो रहे हैं। वह इसे गंभीर रूप से नहीं लेते और यह बीमारी जानलेवा हो जाती है तो कोशिश यह करें अगर आपको दिए गए लक्षण में से किसी भी प्रकार के लक्षण नजर आते हैं चाहे खुद में या आपके किसी परिजन में तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज लें।
धन्यवाद दोस्तों आज हमारे बीच हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपाई नहीं है लेकिन उनकी बातें उनके काम हमेशा अटल ही रहेंगे, जिसे लोग कभी नहीं भुला पाएंगे इस बीमारी से वह काफी समय तक लड़े यह भी अपने आप में बहुत बड़ी बात है भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।