सीकर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य एवं बाद में उपराष्टपति के पद तक पहुंचने वाले भैंरोसिंह शेखावत तो वाजपेयी के इतने करीबी थे कि उनकी पुत्री का कन्यादान तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।
सीकर निवासी शेखावत जब तक जीवित रहे, वह अपने दिल्ली प्रवास के दौरान करीब रोजाना ही वाजपेयी से मिलते थे। भैंरोसिंह शेखावत की बेटी की शादी में जब कन्यादान करने वाजपेयी राजस्थान आए थे तब इस रिश्ते की हकीकत को लोगों ने सियासत से परे जाकर समझा।
दरअसल 1982 में शेखावत की बेटी के विवाह समारोह में वाजपेयी ने शिरकत की थी। विवाह उसी जगह था, जहां आज राजस्थान की भाजपा का प्रदेश मुख्यालय मौजूद है। इस समाराेह में लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे।
वाजपेयी और आडवाणी दोनों ही उस वक्त भाजपा को खड़ा करने की कोशिशों में जुटे थे, हालांकि वह देश की राजनीति के चमकते सितारे बन चुके थे। वैवाहिक कार्यक्रम में सियासत से परे जाकर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने वाजपेयी की अगवानी की। इसके बाद विवाह से जुड़ी अहम रस्मों-रिवाजों में उन्होंने शिरकत की। उस वक्त के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं परसराम मदरेणा, पूनमचंद बिश्नोई के साथ भी उन्होंने घंटों बिताए थे।