हरिद्वार। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां रविवार को मंत्रोचारण के बीच यहां हर की पौड़ी पर गंगा में विसर्जित की गईं।
वाजपेयी जी का अस्थि कलश विशेष विमान से पहले जोलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचा। रविवार करीब 11.30 बजे पूर्वाह्न उनके अस्थि कलश को लेकर तमात नेतागण यहां हेलिकाप्टर से हरिद्वार पहुंचे।
रूड़की की बंगाल ग्रुप आॅफ इंजीनियरिंग की सैन्य टुकड़ी ने वाजपेयी जी को सलामी दी। उसके बाद दिवंगत प्रधानमंत्री के अस्थिकलष को एक खुले वाहन में रख कर हरिद्वार के मुख्यमार्ग से लागों के दर्शनार्थ सड़क मार्ग से ले जाया गया। जहां सड़क के दोनों और हजारों की संख्या में लोग हर की पौडी तक खड़े होकर दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि आए थे।
वाजपेयी जी का चित्र वाहन पर लगा था। जिसमें उनका अस्थि कलश रखा था। वाहन में ही भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वाजपेयी परिजनों में उनकी बेटी नमिता भट्टाचार्य उनके निजी सहायक रहे शिवकुमार पारिख, प्रदेश मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, प्रदेश भाजा अध्यक्ष अजय भट्ट सवार थे।
अस्थि कलश वाहन के पीछे एक बड़ा काफिला गाड़ियों का चल रहा था। अटल बिहारी अमर रहे, अटल जी जिंदाबाद के नारों के बीच करीब पांच किलोमीटर की दूरी तय कर काफिला हर की पौडी पहुंचा। जहां उनके अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित करने वालों की भीड़ बेकाबू हो गई। हर कोई अपने हर दिल अजीज जन नायक को नमन करने को अतुर था।
काफिले में महिलाएं, बच्चे, युवा सभी शामिल थे। बाद में गंगा सभा द्वारा बनाए गए मंच पर अस्थियां रख कर मंत्रोचारण कर उनकी आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई। जिसके बाद उनकी अस्थियां गंगा में विसर्जित की गई।
इस अवसर पर वाजपेयी जी के दामाद रंजन भट्टाचार्य, उनके भांजे अनूप मिश्रा, नातिन निहारिका भट्टाचार्य हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, कबिना मंत्री मदन कौशिक भी उपस्थित थे।
अस्थि कलश गंगा में प्रवाहित करने के साथ ही कलश यात्रा सम्पन्न हुई। सम्पूर्ण धार्मिक क्रियाएं उनके पुरोहित अखिेलष शास्त्री द्वारा सम्पन्न कराई गई। इस सम्बन्ध में सभी धार्मिक क्रिया कलाप का प्रबन्ध गंगा सभा द्वारा कराया गया।