नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की राजघाट परिसर में बनी समाधि सदैव अटल उनकी जयंती पर मंगलवार से आम जनता के दर्शनार्थ खोल दी जाएगी।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सोमवार को यहां बताया कि सदैव अटल समाधि स्थल वाजपेयी के संपूर्ण व्यक्तित्व काे परिभाषित करेगा। इसमें उनके कवि, मानवीय और महान नेतृत्व के व्यक्तित्व को उकेरा गया है। यह समाधि स्थल नौ वर्गाकार ग्रेनाइट की काली शिलाओं से बना है, जो नवरस, नवरत्न और नवगृह के प्रतीक हैं। सभी शिलाओं को कमल के आकार में रखा गया है।
प्रत्येक शिला के ऊपरी हिस्से के मध्य में एक ‘दीपक’ स्थापित किया गया है। समाधि के चारों तरफ नौ भित्ति बनाई गई हैं जिन पर वाजपेयी की कविताओं की पंक्तियां और उक्तियां उकेरी गई हैं। समाधि के निर्माण में देश के विभिन्न हिस्सों से लाए गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है जो विविधता में एकता का प्रतीक हैं।
समाधि का निर्माण अटल स्मृति न्यास सोसाइटी ने कराया है। इस सोसाइटी में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और लालजी टंडन, ओपी कोहली, वजुभाई रुदाभाई वाला, विजय कुमार मल्होत्रा, रामलाल और राम बहादुर राय शामिल हैं। समाधि के निर्माण पर कुल 10.51 करोड़ रुपए की लागत आई है।