नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण मंद पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और इस संकट को एक अवसर के रूप में बदलने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज में से तीन लाख करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री ऋण एमएसएमई को दिया जाएगा। इसके साथ ही एमएसएमई के परिभाषा में बदलाव करते हुये मध्यम उद्यम के कारोबार की सीमा को बढ़ाकर 100 करोड़़ रुपए कर दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों के लिए पैकेज की घोषणा की जा रही है। इसमें सबसे पहले एमएसएमई के लिए यह घोषणा की गई है। अन्य क्षेत्रों पर अगले कुछ दिनों में घोषणाएं होंगी।
सीतारमण ने कहा कि इस अभियान के तहत एमएसएमई के लिए तीन लाख्र करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री ऋण देने का प्रावधान किया गया है। यह ऋण चार वर्ष के लिए होगी और पहले एक वर्ष मूलधन का भुगतान नहीं करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत 100 करोड़ रुपए के कारोबार वाले एमएसएमई को 25 करोड़ रुपए तक का ऋण मिलेगा। बैंकों और एनबीएफसी के लिए शतप्रतिशत गारंटी कवर मिलेगा। यह योजना 31 अक्टूबर 2020 तक उपलब्ध होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही एमएसएमई के परिभाषा में बदलाव किया गया है। एमएसएमई की नई परिभाषा में माइक्रो उद्यम में एक करोड़ रुपए तक का निवेश किया जा सकेगा और इसके कारोबार की सीमा पांच करोड़ रुपए होगी। इसी तरह से लघु उद्यम में 10 करोड़ रुपए का निवेश किया जा सकेगा और इसका कुल वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपए का होगा। मध्यम उद्यम में 20 करोड़ रुपए तक निवेश होगा और इसका कुल कारोबार 100 करोड़ रुपए तक का होगा।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही तनावग्रस्त एमएसएमई की मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे ऐसे एमएसएमई को लाभ होगा जो एनपीए या तनावग्रस्त है। इससे दो लाख से अधिक एमएसएमई को लाभ होगा। एमएसएमई में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा जो बेहतर कारोबार कर रहे हैं। उनके लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड की स्थापना की जाएगी। इससे एमएसएमई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि एमएमएसई को विनिर्माण और अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से अब 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद का वैश्विक टेंडर जारी नहीं किया जायेगा। यह कदम आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को मदद करने वाला है। इससे एमएसएमई का कारोबार भी बढ़ेगा।
सीतारमण ने कहा कि एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का विशेष तरलता स्कीम शुरू किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एनबीएफसी के लिउ 45 हजार करोड़ रुपये का आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम 2.0 शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न विषम स्थिति में बिजली वितरण कंपनियों के राजस्व में कमी आयी है। इसके मद्देनजर इन कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है। पावर फाइनेंस कार्पोरेशन और आरईसी के जरिये बिजली वितरण कंपनियों को संबंधित राज्य सरकारों की गारंटी पर ऋण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी केन्द्रीय एजेंसियों जैसे रेलवे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और पीडब्ल्यूडी के ठेकेदारों को राहत दी गयी है। ठेकेदारों को छह महीने की छूट दी गयी है। रियल एस्टेट को भी राहत प्रदान की जा रही है। इसके तहत रेरा में पंजीकृत उन परियोजनाओं को पूर्ण करने की अवधि छह महीन बढ़ाई जा रही है जो 25 मार्च या उसके बाद पूर्ण होनी थी। इसके लिए किसी भी रियल एस्टेट कंपनी को रेरा कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन नया पंजीयन प्रमाण पत्र मिल जायेगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि 1.70 लाख कररोड़ रुपए के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की गई थी। इसके तहत लोगों को राहत प्रदान की गई है।