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कोरोना काल में दिवाली का तोहफा : आत्मनिर्भर-3 पैकेज योजना का ऐलान - Sabguru News
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कोरोना काल में दिवाली का तोहफा : आत्मनिर्भर-3 पैकेज योजना का ऐलान

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कोरोना काल में दिवाली का तोहफा : आत्मनिर्भर-3 पैकेज योजना का ऐलान

नई दिल्ली। सरकार ने कोरोना के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिवाली से पहले ही आज तोहफा की घोषणा की जिसमें रोजगार, किसान, आम आदमी से लेकर इंडस्ट्रीज तक के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। इसके साथ काेरोना वैक्सीन के शोध एवं विकास के लिए 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि आज की योजना से पहले रोजगार प्रोत्साहन योजना 31 मार्च 2019 तक लागू की गई थी, जिसमें कुल मिलाकर 8300 करोड़ रुपए के फायदे 1 लाख 52 हजार संस्थाओं को मिले थे। सरकार अब एक दूसरी रोजगार योजना आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लागू कर रही है जिसपर दो वर्षाेें में छह हजार करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लोगों को ईपीएफओ से जोड़ा जाएगा। वे लोग जो पहले ईपीएफओ में रजिस्टर्ड नहीं थे और अब रजिस्टर्ड होंगे, इस स्कीम के दायरे में आएंगे। साथ ही वे लोग जिनकी नौकरी 1 मार्च 2020 से लेकर 31 सितंबर 2020 के दौरान चली गई है, भले ही 1 अक्टूबर 2020 के बाद नई नौकरी मिल गई है, उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा। ये स्कीम 1 अक्टूबर से लागू होगी और 2 साल तक चलेगी।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत ईपीएफओ के अंतर्गत जो रजिस्टर्ड संस्थाएं हैं अगर नए रोजगार देती हैं तो उन्हें फायदा मिल पाएगा। इसमें 50 से कम कर्मचारियों वाली संस्थाएं अगर 2 से ज्यादा लोगों को नया रोजगार देती है तो उनको स्कीम का लाभ मिलेगा। 50 से ज्यादा कर्मचारी वाली संस्था को इस स्कीम का लाभ लेने के लिए 5 से ज्यादा कर्मचारी रखने होंगे।

जो संस्थाएं ईपीएफओ में जो रजिस्टर्ड नहीं हैं उन्हें लाभ नहीं मिलेगा, इसके लिए पहले उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, तभी फायदा मिलेगा। ये स्कीम 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। सीतारमण ने कहा कि इस योजना में दो श्रेणी की कंपनियां शामिल हैं।

पहली वे कंपनियां जिनमें 1000 से कम कर्मचारी हैं। कर्मचारी के हिस्से का 12 प्रतिशत पीएफ का हिस्सा और कंपनी का 12 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार योगदान देगी। दूसरी वे कंपनियां शामिल हैं जिनमें कर्मचारियों की संख्या 1000 से ज्यादा है। ऐसी कंपनियों में सरकार सिर्फ कर्मचारी का 12 प्रतिशत हिस्सा देगी और कंपनी को अपना हिस्सा खुद वहन करना होगा।

उन्होंने कहा कि कंपनियों को ये छूट 2 वर्ष के लिए होगी। इस स्कीम के तहत संगठित क्षेत्र की करीब 95 प्रतिशत कंपनियां कवर हो जाएंगी। ये लाभ उन कर्मचारियों को ही मिलेगा जिनका वेतन 15,000 रुपए महीना से कम है। ये स्कीम एक अक्टूबर 2020 से लागू मान जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को फर्टिरलाइजर सब्सिडी के रूप में 65000 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। 2016-17 में फर्टिलाइजर की खपत 500 लाख टन थी, जो अब बढ़कर 673 लाख टन हो चुकी है। इससे ये पता चलता है कि फर्टिलाइजर की खपत में 17.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। इस मदद से किसानों को फर्टिलाइजर की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए आवंटन को 20 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया है। ये योजना प्रवासी मजदूरों को ध्यान में रखकर शुरू की गई थी जिसमें मनरेगा और ग्रामीण सड़क योजना को भी शामिल किया गया है। बजट में सरकार ने मनरेगा के लिए 61 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इसके बाद आत्मनिर्भर भारत में भी 40 हजार करोड़ रुपए दिए गए थे।

उन्होंने कहा कि निर्यात को गति प्रदान करने के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। ये रकम लाइन ऑफ क्रेडिट स्कीम के तहत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए आत्मनिर्भर भारत के तहत 25,000 करोड़ रुपए दिया गया था। अब अतिरिक्त 10,200 हजार करोड़ रुपए और दिए जाएंगे। इसमें ग्रीन एनर्जी, इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर, डोमेस्टिक डिफेंस इक्विपमेंट इंडस्टीज को फायदा होगा।

सीतारमण ने कहा कि 900 करोड़ रुपए कोरोना वैक्सीन के शोध एवं विकास के लिए दिया जाएगा। ये पैसा बायोटेक्नोलॉजी को दिया जाएगा न कि स्वास्थ्य मंत्रालय को जाएगा। इसका इस्तेमाल सिर्फ वैक्सीन के विकास के लिए किया जाएगा।