नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कांग्रेस के नेताओं के कथित भ्रष्टाचार की जांच के खिलाफ धरना प्रदर्शन को सत्याग्रह की जगह ‘असत्य के लिए दुराग्रह’ करार दिया और कहा कि आरोपों का कानूनी ढंग से मुकाबला करने की बजाय जांच के विरोध में सड़क पर उतरना दर्शाता है कि वह कानूनी रूप से कमज़ोर है।
नड्डा ने संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी आज अपने शीर्ष नेतृत्व के भ्रष्टाचार की हो रही जांच के खिलाफ जो धरना-प्रदर्शन कर रही है, वह सत्याग्रह नहीं है बल्कि असत्य के लिए दुराग्रह है। वास्तविकता यह है कि कांग्रेस पार्टी सत्य पर ग्रहण लगाने की नापाक कोशिश कर रही है।
यदि कोई व्यक्ति किसी भी जांच एजेंसी की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, तो इसके लिए न्यायालय का दरवाजे हमेशा खुले हैं। जांच एजेंसियों के खिलाफ सड़कों पर उतरना और भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच का विरोध करना कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के मामले के आरोपी कानूनी लड़ाई में स्पष्ट रूप से कमजोर हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शक्तियों को लेकर दायर याचिका पर अभी-अभी उच्चतम न्यायालय का फैसला आया है। सर्वोच्च अदालत ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट और ईडी के न्यायिक अधिकार क्षेत्र को सही ठहराया है और उसे बरकरार रखा है। हम न्यायालय का सम्मान करते हैं। हम देश के संविधान एवं कानून का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ रुपए के नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार मामले में ईडी द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ की जा रही है तो कांग्रेस इसके विरोध में तथाकथित सत्याग्रह कर रही है। यह एक परिवार को बचाने का कुत्सित प्रयास है। यह सब धरना-प्रदर्शन केवल एक परिवार को बचाने का राजनीतिक अभियान चल रहा है। कांग्रेस पार्टी जांच एजेंसियों पर जो सवाल उठा रही है और जिस तरह से सड़क पर भ्रष्टाचार के समर्थन में धरना-प्रदर्शन कर रही है, वह कहीं से भी उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि नेशनल हेराल्ड मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। इससे जुड़े लोगों को जांच एजेंसी के सामने जबाव देना चाहिए। यह उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन यह गांधी परिवार अपने आप को देश और कानून से ऊपर समझता है। यदि कोई इस बारे में उनसे सवाल पूछे तो उन्हें नागवार गुजरता है। उनसे सवाल करने की कोई हिमाकत करे, तो यह गांधी परिवार स्वीकार नहीं करता है।
नड्डा ने कहा कि देश संविधान से चलता है। कानून अपना काम कर रहा है। कानून के सामने अपनी बात रखना, किसी भी व्यक्ति का अधिकार है लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार की जांच के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, कांग्रेस और एक परिवार (गांधी परिवार) द्वारा खुद को कानून से उपर समझने का कुत्सित प्रयास है। यह इस देश में चलने वाला नहीं है। कानून एवं नियम सबके लिए बराबर होते हैं। नियम एवं कानून का पालन करना और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करना, उनके सवालों के जबाव देना सबकी जिम्मेवारी भी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार को भी नियम और कानून के अनुसार चलना चाहिए और जाँच एजेंसियों के सवाल का जबाव देना ही चाहिए। देश में कोई व्यक्ति या संस्थान जांच एजेंसी का दुरुपयोग कैसे कर सकता है? ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और अपने ढंग से काम करती है। कोई भी जांच एजेंसी कानून के दायरे में काम करती है।
ईडी, सीबीआई आदि जांच एजेंसियां ने अपने नियमित कार्रवाई के दौरान छापेमारी कर लाखों करोड़ रुपए नकद जब्त किए हैं। जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस नीति के तहत सराहनीय कार्य करते हुए देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।