औरंगाबाद | राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (एनपीजीसी) में कोरोना की दूसरी और ज्यादा भयानक लहर के बावजूद निर्बाध रूप से न केवल बिजली उत्पादन का कार्य जारी रहा बल्कि निर्माण कार्य भी सुचारू रूप से चलता रहा।
इस संबंध में परियोजना के अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) समीरन राय सिन्हा यहां ने बताया कि इस परियोजना की एक यूनिट से सितम्बर 2019 से ही बिजली का कमर्शियल उत्पादन जारी है। दूसरी यूनिट से भी कमर्शियल उत्पादन की प्रक्रिया शुरू है। इस बीच कोविड की दूसरी लहर के बावजूद परियोजना के कर्मचारियों का मनोबल ऊंचा रहा और सुरक्षा के सभी मानकों का अनुपालन करते हुए कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह के कुशल निर्देशन में निरंतर बिजली उत्पादन जारी रखा गया। वहीं, दूसरी ओर परियोजना की तीसरी यूनिट के निर्माण कार्य को भी निर्बाध रूप से जारी रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस महामारी के दौरान एक घंटे भी कार्य बाधित नहीं हुआ।
एनपीजीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि कोरोना की पहली लहर में भी एनपीजीसी में कर्मचारियों और अधिकारियों के सहयोग से निरंतर काम जारी रखा गया था और परियोजना के निर्माण, बिजली के उत्पादन के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए आसपास के इलाकों के आम नागरिकों को खाद्यान्न के पैकेट जैसी सुविधाएं भी दी गई थी तथा सैनिटाइजेशन का जिम्मा भी एनपीजीसी ने लिया था । जिला प्रशासन को भी एनपीजीसी ने कोरोना से लड़ने में हर संभव मदद की थी। उन्होंने बताया कि पिछली बार का अनुभव कोरोना की दूसरी लहर में भी काम आया तथा कोरोना से सुरक्षा के सभी मानकों का अनुपालन करते हुए अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने राष्ट्रहित में निरंतर काम किया जिसकी वजह से निर्बाध रूप से बिजली का उत्पादन तथा तीसरी यूनिट का निर्माण कार्य जारी रहा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस वर्ष के अंत तक इस बिजलीघर के निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा।
गौरतलब है कि एनपीजीसी की सुपर थर्मल पावर परियोजना में 660-660 मेगा वाट की तीन इकाइयों का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें पहली इकाई से विद्युत उत्पादन हो रहा है जबकि दूसरी इकाई व्यवसायिक विद्युत उत्पादन के लिए तैयार है ।तीसरी इकाई के भी इस वर्ष के अंत तक चालू हो जाने के आसार हैं ।इस परियोजना की कुल लागत करीब 18 हजार करोड रुपए है ।