अयोध्या। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के सरयू तट पर दीपावली की पूर्व संध्या पर रोशन साढ़े पांच लाख दियों ने ऐसी विहंगम तस्वीर उकेरी मानो कि आकाश में टिमटिमाते बहुतेरे तारे धरती पर उतर आए।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित दीपोत्सव का गवाह शनिवार को देश के काेने कोने से आए श्रद्धालुओं के अलावा विदेशी पर्यटक भी बने। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम भी बाकायदा इस दृश्य को कैद करने के लिए मौजूद थी।
दीपोत्सव का शुभारम्भ पुष्पक विमान के प्रतीक हेलीकाप्टर से भगवान राम व माता जानकी रामकथा पार्क में आगमन के साथ हुआ। पुष्पक के सरयू तट पर उतरते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम, सीता एवं लक्ष्मण के स्वरूप की अगवानी की। रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम के स्वरूप का तिलक कर राज्याभिषेक की पुराणों में वर्णित त्रेता युग की यादें ताजा की।
इस मौके पर योगी ने कहा कि अब भारत विश्व गुरू के रूप में स्थापित होने जा रहा है क्योंकि भारत दुनिया की ताकत बनकर उभरकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। राम के राजतिलक का कार्यक्रम संतों की सानिध्यता में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ है। उन्होंने इस अवसर पर केन्द्र व प्रदेश सरकार के 226 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण भी किया।
उन्होंने कहा कि इसे भगवान राम के अनुरूप अवधपुरी को बनाने का संकल्प किया गया है। भारत की सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया के सामने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखा है जिसे सैकड़ों वर्षों की गुलामी के फलस्वरूप जगाने की आवश्यकता थी और उसे जगाने में सत्तर वर्ष लग गये। भगवान राम के चौदह वर्षों के वनवास के बाद लौटने पर दीपोत्सव मनाया जाता चला आ रहा है। उसी की स्मृति में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रयागराज में कुम्भ और योग की विरासत को पूरी दुनिया के सामने रखा है। और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की सांस्कृतिक परम्परा को सारे विश्व के सामने स्थापित किया। राम की परम्परा पर हम सबको गौरव की अनुभूति होती है। रामराज्य की ऐसी परम्परा है जहां सभी सुखी हों, किसी के साथ कोई भेदभाव न हो ऐसा राज्य रामराज्य कहलाता है।
उन्होंने कहा कि भारत किसी को छेड़ता नहीं और यदि कोई भारत को छेड़ता है तो भारत उसे छोड़ता नहीं। वसुधैव कुटुम्बकम् के भाव को केन्द्र व प्रदेश की सरकार ने अंगीकार किया है। यदि किसी ने हमारे स्वाभिमान को ललकराने का काम किया तो उसको हम छोड़ेंगे नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके पहले की सरकारें अयोध्या के नाम पर डरती थीं। ढाई वर्षों में हम डेढ़ दर्जन के करीब अयोध्या आए हैं और हर बार अयोध्या के लिए सैकड़ों करोड़ों की परियोजना लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि हर की पैड़ी की तरह राम की पैड़ी का स्नान अब श्रद्धालु कर सकेंगे क्योंकि अब राम की पैड़ी में सरयू सलिला का अनवरत धारा प्रवाहमान हो गई है।
उन्होंने कहा कि बारह पुरियों में अयोध्या, काशी और मथुरा हमारे ही प्रदेश में है इससे गौरव की अनुभूति होती है। अयोध्या को उसके अनुरूप पहचान दिलाना है और अयोध्या में तीसरे दीपोत्सव का कार्यक्रम उसी की एक कड़ी है। पूरी अयोध्या में हमने पांच लाख इक्यावन हजार के दीपक जलाये हैं जिससे पूरे विश्व में एक संदेश गया है।
उन्होंने कहा कि फिजी में रहने वाले भारतवर्षी अपनी पांच छह पीढिय़ों से अपनी संस्कृति को संजोकर रखे हैं। फिजी में भी एक नया भारत बनता दिखता है। मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव के बाद सरयू आरती भी किया।
दीप दीपोत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में फिजी से पधारीं वहां की डिप्टी स्पीकर एवं मंत्री वीना भटनागर ने कहा कि आज का वातावरण राम मय हो गया है। ऐसा लग रहा है कि प्रभु राम एवं सीताजी यहां स्वयं पधारे हैं। राम की भूमि पर हमारा पदार्पण हुआ है। उन्होंने कहा कि जिसको हम रामायण में पढ़ते थे उसी भूमि पर हमारा आना सौभाग्य की बात है।
इसके पूर्व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्म से लेकर अंत तक की विशाल रूप से 11 झांकियां निकाली गयीं। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में इस पर्व का विशेष महत्व है। भगवान राम श्रद्धा के पात्र हैं। धर्मनगरी में तीसरा दीपोत्सव पर्व एक संदेश दे रहा है।
इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री, डा. महेन्द्र सिंह, सूर्यप्रताप शाही, मोती सिंह, नीलकण्ठ तिवारी, आशुतोष टण्डन, राज्यमंत्री श्रीराम चौहान, बिन्दुगाद्याचार्य महंत देवेन्द्रप्रसादाचार्या, पूर्व सांसद रामविलास दास वेदांती, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, निर्वाणी अनी के महंत धर्मदास, उदासीन आश्रम महंत स्वामी भरत दास, जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य, जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी धराचार्य, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, डा. रामानन्द दास, महंत कन्हैयादास रामायणी, बड़ा भक्तमाल महंत अवधेश कुमार दास, जगद्गुरू स्वामी रामदिनेशाचार्य, जगद्गुरू स्वामी राघवाचार्य, जगद्गुरू स्वामी विश्वेष प्रपन्नाचार्य, श्रीरामवल्लाभाकुंज अधिकारी राजकुमार दास, फैजाबाद लोकसभा के सांसद लल्लू सिंह, अयोध्या विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, नगर निगम अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक खब्बू तिवारी, विधायक शोभा सिंह चौहान, विधायक गोरखनाथ बाबा, विधायक रामचन्द्र यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।