नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से राजधानी के रामलीला मैदान पर आज साधु-संत और महात्माओं की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए।
विश्व हिन्दू परिषद के आह्वान पर बुलाई गई धर्म संसद में हिस्सा लेने के लिए रविवार तड़के से ही लोगों के हुजूम चारों ओर से रामलीला मैदान पहुंचे। कुछ लोग शनिवार को ही रामलीला मैदान पहुंच गये थे। देश के लगभग हर हिस्से से भगवा वेश और भगवा झंडे तथा गदा आदि लेकर लेकर आये लोगों की भीड़ से रामलीला मैदान पूरी तरह भगवा रंग में सरोबार दिखाई दे रहा था।
कुछ लोग रामभक्त हनुमान के वेश में आए थे ताे कुछ अयोध्या में बनने वाल राममंदिर की प्रतिकृति लेकर आए हुए थे। जनसैलाब के राममंदिर बनाने तथा जय श्री राम के नारों से आस पास का माहौल पूरी तरह राममय नजर आया।
विहिप द्वारा बुलाई गयी धर्म संसद को संघ परिवार से भी जोरदार समर्थन मिल रहा है। यह जनसभा शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक दो दिन पहले सरकार पर दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है। विहिप के साथ इस मुहिम में शामिल हिन्दू संगठनों की मांग है कि सरकार अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए ठोस कदम उठाए।
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली से सांसद महेश गिरि और रमेश विधुडी भी धर्म संसद में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। गिरि ने कहा कि यह जनसभा लाेगों के दुख और पीड़ा को प्रकट करती है।
हिन्दुओं ने न्यायालय में आस्था जताई थी लेकिन लगता है कि यह मामला न्यायालय की प्राथमिकता में नहीं है। यह वही न्यायपालिका है जिसने एक सजायाफ्ता आतंकवादी के मामले को आधी रात में भी सुना था। दिल्ली की सड़कों पर लोग अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए उतरे हैं।
विधुड़ी ने कहा कि जनसभा में लगभग पांच लाख लोगों की भीड उमडी है। रामभक्त भगवान राम के लिए भव्य मंदिर का निर्माण चाहते हैं और लोग इस काम में अब और देर बर्दाश्त नहीं कर सकते क्योंकि देरी का औचित्य नहीं है।
वीएचपी के संयुक्त सचिव सुरेंद्र जैन ने यहां कहा कि धर्म संसद का लक्ष्य राम मंदिर निर्माण के लिए सभी राजनीतिक दलों पर दबाव डालना है ताकि संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए विधेयक पारित करवाया जा सके।
संगठन के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यह विशाल जनसभा भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए विधेयक न लाने के पक्षधरों का हृदय परिवर्तित कर देगी। राजधानी में वीएचपी का यह शक्ति प्रदर्शन संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले हो रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के अंतिम पूर्ण सत्र के रूप में देखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश और केन्द्र में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अभी राम मंदिर के बारे में खुलकर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट नहीं किया है। संसद के दोनों सदनों में उठने वाले इस मुद्दे से सरकार कैसे निपटेगी अभी इसकी रणनीति पर भी कुछ नहीं बताया गया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने समय समय पर राम मंदिर के निर्माण की वकालत जरूर की है। शनिवार को भी उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि भव्य राम मंदिर का बिना किसी देरी के निर्माण किया जाना जरूरी है।
उन्होंने कांग्रेस पर राम मंदिर के निर्माण में बाधा पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के उच्चतम न्यायालय में इस मामले को आगामी लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने की दलील का कोई औचित्य नहीं है।
विहिप की जनसभा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान और आस पास के क्षेत्रों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। पुलिस के अनुसार इस आयोजन को देखते हुए लगभग 15 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। यातायात पुलिस ने भी शनिवार से ही सड़कों पर भीड भाड को देखते हुए यातायात संबंधी परामर्श जारी किया हुआ है।